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OTT प्लेटफॉर्म्स पर सरकार की सख्ती : यहां जानें क्या होगी कंटेंट की नई सीमाएं?

OTT प्लेटफॉर्म्स पर सरकार की सख्ती : यहां जानें क्या होगी कंटेंट की नई सीमाएं?

 

Ministry of Information and Broadcasting ओटीटी पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को लेकर नए नियम लागू करने की दिशा में काम कर रहा है. सरकार ने हाल ही में ओटीटी पर रिलीज हुईं फिल्में और सीरीज को ध्यान में रखते हुए और देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता के बीच मौजूद कंटेंट की गुणवत्ता और सटीकता को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का फैसला किया है. भारत सरकार ओटीटी पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को लेकर नए नियम लागू करने की दिशा में काम कर रही है. Ministry of Information and Broadcasting ने इस नियम को लागू करने की तैयारियां शुरू कर दी है. इस नियम के मुताबिक प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाने वाली सामग्री में अपशब्दों पर बीप लगाना होगा और अश्लील दृश्यों को ब्लर करना होगा. इस नियम का उद्देश्य आपत्तिजनक कंटेंट ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले कंटेंट पर नियंत्रण लगा और देश के इतिहास और संस्कृति को सही ढंग से प्रस्तुत करना है.


भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता के बीच भारतीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्लेटफॉर्म पर मौजूद कंटेंट की गुणवत्ता और सटीकता को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का फैसला किया है. हाल ही में नेटफ्लिक्स की सीरीज IC 814 में देश के इतिहास को गलत तरीके से दिखाने के मामले ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया. अब मंत्रालय सीरीज निर्माताओं पर सख्ती दिखा रहा है. इस तरह के कंटेंट अपराध दर में वृद्धि का कारण बन रहे हैं.

कंटेंट में बदलाव: क्या होगी नई सीमाएं?
जानकारी के अनुसार अब ओटीटी पर प्रसारित होने से पहले कंटेंट पर कैंची चलाने की दिशा में काम कर रही है. इस बार नियमों का पालन सुनिश्चित करने का दायित्व ओटीटी प्लेटफॉर्म और कंटेंट निर्माताओं पर होगा. इसके अनुपालन में असफल रहने पर कानूनी कार्रवाई भी होगी.
वहीं, सरकार ने इस दिशा में ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स, अमेजन और जियो के साथ चर्चा करनी शुरू कर दी है. इन चर्चाओं का मकसद ये समझना है कि खासकर भारतीय पृष्ठभूमि पर आधारित सीरीज बनाने में क्या सोच और दृष्टिकोण अपनाया है .सरकार ने हितधारकों के साथ सलाह करना शुरू कर दिया है. आईबी मंत्रालय में चर्चा शुरू हो गई है. सरकार नियम बनाएगी और फिर उन्हें सार्वजनिक परामर्श के लिए रखा जाएगा.

 

क्यों जरूरी हैं नियम?
प्रस्तावित नियमों का उद्देश्य अनुचित कंटेंट को नियंत्रित करने के साथ-साथ अंतरंग दृश्यों और अपशब्द भाषा के इस्तेमाल को भी कम करना है. ये दिशा-निर्देश जल्द ही सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया जाएगा , सरकार तमाम बड़े प्लेटफॉर्म पर कंसल्टेशन के दौरान कंटेंट क्रिएटर्स से उस रिसर्च का ब्योरा देने को भी कहा जा रहा है, जिसमें वो सीरीज या फिल्म बनाने से पहले करते हैं. सरकार सुनिश्चित करना चाहती है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल सही दिशा में हो और भारतीय संस्कृति, इतिहास को सही ढंग से प्रदर्शित किया जाए

 

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