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शंभू बॉर्डर से किसानों का दिल्ली की तरफ कूच, पुलिस ने रोका

शंभू बॉर्डर से किसानों का दिल्ली की तरफ कूच, पुलिस ने रोका

पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू बॉर्डर से शुक्रवार को किसानों के एक जत्था ने दिल्ली की ओर पैदल मार्च शुरू किया। हालांकि कुछ दूर जाने के बाद पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा कर उन्हें रोक दिया। इसके बाद जब कुछ किसान बैरिकेडिंग पर चढ़ गए तो सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। हरियाणा पुलिस ने किसानों से आगे नहीं बढ़ने को कहा और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला दिया। अंबाला जिला प्रशासन ने जिले में पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के गैरकानूनी रूप से एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

 

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं। विभिन्न किसान यूनियनों के झंडे लिए कुछ किसानों ने घग्गर नदी पर बने पुल पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए लोहे के जाल को किसानो ने तोड़ कर हटा दिया। हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को अंबाला जिले के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और SMS सर्विस को कुछ समय के लिए बंद कर दिया

 

हरियाणा के कई गांवों में इंटरनेट पर रोक

वहीं, अंबाला के डंगदेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बड़ी घेल, लार्स, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू गांवों में शुक्रवार दोपहर को यह प्रतिबंध लगा दिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने पहले अपनी मांगों के समर्थन में पैदल दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी। उनकी मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कई अन्य मांगें शामिल हैं। सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर मार्च करने से रोके जाने के बाद वे 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं।

 

समूह ने दोपहर 1 बजे अपना मार्च शुरू किया, लेकिन कुछ मीटर की दूरी पर उन्हें हरियाणा सरकार द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय अवरोधों द्वारा रोक दिया गया। 'सतनाम वाहेगुरु' का जाप करते हुए और किसान यूनियन के झंडे और जरूरी सामान के साथ मार्च करते हुए, समूह ने शुरुआती स्तर की बाधाओं को आसानी से पार कर लिया, लेकिन बाद में वे आगे नहीं बढ़ सके। कुछ किसानों ने लोहे की जाली और कंटीले तार हटा दिए और कुछ ने राष्ट्रीय राजमार्ग-44 से लोहे की कीलें उखाड़ दीं।

 

किसानों के मार्च के कारण अंबाला में कई स्कूल बंद

प्रदर्शनकारियों में से एक व्यक्ति टिन की छत पर चढ़ गया, जहां सुरक्षा बल तैनात थे। उसे जबरन नीचे उतारा गया। शंभू बॉर्डर पर वाटर कैनन की व्यवस्था भी की गई है। इससे पहले, अंबाला प्रशासन ने शुक्रवार को जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मार्च शुरू करने वाले 101 किसानों को 'मरजीवड़ा' (ऐसे लोग जो किसी मकसद के लिए अपनी जान देने को तैयार हैं) कहा था। पंधेर ने पैदल मार्च पर प्रतिबंध लगाने के लिए हरियाणा प्रशासन की आलोचना की। उन्होंने गुरुवार को कहा था कि अगर सरकार उन्हें पैदल मार्च निकालने से रोकती है, तो यह उनकी "नैतिक जीत" होगी।

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