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"Delhi-Dehradun Expressway: उत्तराखंड की प्रगति की नयी रफ़्तार"

Delhi-Dehradun Expressway : दिल्ली से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून जाने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। देश की आधुनिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) को जल्द ही जनता के लिए खोलने जा रही है। इस हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली और देहरादून के बीच की यात्रा का समय मौजूदा 6-7 घंटे से घटकर मात्र 2.5 से 3 घंटे रह जाएगा। यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'गति शक्ति योजना' का हिस्सा है और उत्तराखंड के पर्यटन व अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

 

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की खासियत

 

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे भारत के सबसे आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल एक्सप्रेसवे में से एक होगा। 210 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड तकनीकों का उपयोग करके बनाया जा रहा है। इसके निर्माण में अत्याधुनिक तकनीकों और सुरक्षा मानकों को अपनाया गया है। इस एक्सप्रेसवे की कुछ मुख्य विशेषताएँ हैं जैसे :

 

 

 

1. हाई-स्पीड ट्रैफिक के लिए डिजाइन – यह एक्सप्रेसवे चार लेन और भविष्य में छह लेन तक विस्तार योग्य होगा, जिससे हाई-स्पीड वाहनों के लिए सुगम और सुरक्षित सफर सुनिश्चित किया जा सके।


2. इको-फ्रेंडली कॉरिडोर – यह एक्सप्रेसवे भारत का पहला ऐसा राजमार्ग होगा, जिस पर एशियाई हाथियों और अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विशेष कॉरिडोर बनाए गए हैं। इसमें एलिवेटेड रोड, टनल और अंडरपास जैसी संरचनाएँ होंगी, जिससे वन्यजीवों को सुरक्षित आवागमन का अवसर मिलेगा।


3. ट्रैफिक जाम से मिलेगी मुक्ति – यह एक्सप्रेसवे कई भीड़भाड़ वाले शहरों और कस्बों को बायपास करेगा, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या समाप्त हो जाएगी और लोग सुगमता से अपने गंतव्य तक पहुँच सकेंगे।


4. स्मार्ट हाईवे तकनीक – एक्सप्रेसवे पर आधुनिक टोल कलेक्शन सिस्टम, सीसीटीवी निगरानी, इमरजेंसी कॉल बॉक्स और वाहन ट्रैकिंग सिस्टम जैसी सुविधाएँ होंगी।

 

यात्रा का समय और लागत में कमी

वर्तमान में दिल्ली से देहरादून जाने के लिए NH-58 और NH-334 का उपयोग किया जाता है, जिसमें यातायात जाम और संकरी सड़कों की वजह से सफर में 6 से 7 घंटे लगते हैं। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद यह समय घटकर केवल 2.5 से 3 घंटे रह जाएगा। इसके अलावा, ईंधन की बचत होने से लॉजिस्टिक्स की लागत भी कम होगी, जिससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

 

पर्यटन और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश और हरिद्वार उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं, जहाँ सालभर लाखों पर्यटक आते हैं। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के बनने से इन पर्यटन स्थलों तक पहुँचने में आसानी होगी, जिससे उत्तराखंड का पर्यटन उद्योग तेजी से बढ़ेगा। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक क्षेत्रों, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स हब विकसित किए जाएंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

 

निर्माण कार्य और संभावित उद्घाटन

इस एक्सप्रेसवे का निर्माण चार चरणों में किया जा रहा है और इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कई बार इस परियोजना की प्रगति की समीक्षा की है और इसे समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। एक्सप्रेसवे का 80% से अधिक कार्य पूरा हो चुका है और जल्द ही इसका उद्घाटन होने की संभावना है।

 

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