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क्या ईरान टिक पाएगा इजराइल की मिसाइलों और एयर पावर के सामने ?

क्या ईरान टिक पाएगा इजराइल की मिसाइलों और एयर पावर के सामने ?

 

इजरायल–अमेरिका vs ईरान: मिसाइल व एयर पावर की तुलना

 

मध्य-पूर्व में तनाव की अग्नि और तेज़ हो चुकी है: इजरायल और अमेरिका की संयुक्त वायु शक्ति ईरान के एयर डिफेंस और मिसाइल ढाँचों पर लगातार प्रहार करती रही है। हालिया आर्मी ऑप्रेशन “राइजिंग लायन” ने ईरानी मिसाइल लॉन्चरों और एयर डिफेंस सिस्टम्स को पहले खाली किया, जिससे ईरान का दबाव झेलना महंगा होता जा रहा है ।


वायु शक्ति: पुराने बनाम आधुनिक


इजरायल–अमेरिका:

इजरायल के पास 345 हवाई लड़ाकू विमान और 43 अटैक हेलीकॉप्टर हैं

उसके F‑15, F‑16 और F‑35 जेट्स पर आधारित बेड़े और JDAM/SPICE बम उसे उच्च सटीकता के साथ मूक एवं किफायती स्ट्राइक की शक्ति प्रदान करते हैं

अमेरिका के पास 1,790 लड़ाकू विमान, 647 स्पेशल मिशन एयरक्राफ्ट व 1,002 अटैक हेलीकॉप्टर हैं, जो भारी ताकत को दर्शाते हैं.

ईरान:

कुल 551 विमान लेकिन उनमें से अधिकांश 1970-80 के दशक के पुराने F‑5, F‑4, Su‑24, MiG‑29 आदि हैं—जो आधुनिक तकनीक से बहुत पीछे

फाइटर विमानों की संख्या मात्र 186, अटैक हेलीकॉप्टर सिर्फ 13 ही पर निर्भर

इन्वेंट्री भले बड़ी है पर तकनीकी आधुनिकीकरण की कमी ईरान को कमजोरी में तब्दील कर देती है। इजरायल–यूएस के पास स्पष्ट वायु श्रेष्ठता है।

 

मिसाइल शक्ति: सिज्जल से ट्राइडेंट तक

 

ईरान:

सिज्जल‑2/सेज्जिल मिसाइलों की रेंज 1,500–2,500 किमी, और फतह‑110, शहाब series सहित हजारों SRBM/MRBM हैं

हाल ही में उसने हाइपरसोनिक फत्ताह‑1 (≈ Mach 13–15, 1,400 किमी रेंज) प्रस्तुत की

इजरायल:

इनके पास Jericho‑2 (1,500–3,500 किमी) और संभवतः Jericho‑3 (4,800–6,500 किमी) जैसी IRBM मिसाइलें हैं

अमेरिका:

Trident II (7,400–12,000 किमी) और Minuteman‑III (9,650–13,000 किमी) जैसे मिसाइल सिस्टमों का विशाल अभियान ।

मिसाइलों की लंबी रेंज के मामले में ईरान मुकाबले के बाहर है। इजरायल और अमेरिका के पास अधिक शक्तिशाली और दूर तक मार करने योग्य मिसाइलें मौजूद हैं।


वास्तविक समय की लड़ाई: मिसाइल लॉजिक & हवाई हमले


ईरान ने अब तक लगभग 400 मिसाइलें दागीं लेकिन केवल कुछ दर्जन ही लक्ष्य तक पहुंचीं; अधिकांश इजरायली एयर डिफेंस से इंटरसेप्ट हो गईं ।

इजरायल द्वारा 120+ मिसाइल लॉन्चर पहले से नष्ट किए जा चुके हैं, जिससे ईरान की जवाबी क्षमता भी काफी कमजोर हुई है ।


आगे का रास्ता


वायु श्रेष्ठता: इजरायल–अमेरिका की आधुनिक वायु शक्ति ईरान के पुराने बेड़े को मात देती है।

मिसाइल मुकाबला: तकनीक और रेंज दोनों में ईरान कमजोर।

लॉजिस्टिक्स मुद्दे: स्टॉकपाइल्स (ईरान की मिसाइलों की संख्या) तेजी से घटी है—कुछ दिनों में 2,000 से 500 से भी नीचे जा सकती है ।

रणनीतिक विकल्प: ईरान हाइब्रिड टैक्टिक्स अपनाने को मजबूर—ड्रोन, कруз मिसाइल, और क्षेत्रीय प्रॉक्सी फोर्सेज पर निर्भर‑ लेकिन वे भी निरंतर प्रहारों से दबी हैं।

 

कुल मिलाकर, इजरायल–अमेरिका की संयुक्त ताकत के सामने ईरान सीमित संसाधनों, टेक्नोलॉजिकल गैप और लगातार एयर स्ट्राइक से घिरा हुआ है। वर्तमान स्थिति में ईरान कितने दिन टिक सकेगा? यह निर्भर करता है उसकी लॉजिस्टिक्स, विदेशी सपोर्ट, और नए स्ट्राइक विकल्पों पर।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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