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आखिर मोदी ने ट्रंप का निमंत्रण क्यों ठुकराया ? ओडिशा में दिया जवाब

आखिर मोदी ने ट्रंप का निमंत्रण क्यों ठुकराया ? ओडिशा में दिया जवाब

पीएम मोदी ने ट्रंप का न्योता क्यों ठुकराया ? ओडिशा में दिया जवाब


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (20 जून) ओडिशा के भुवनेश्वर में हुई BJP की पहली सालगिरह जनसभा में स्पष्ट रूप से बताया कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका आने के निमंत्रण को अस्वीकार क्यों किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने समर्पित और पवित्र 'भगवान जगन्नाथ की धरती' को प्राथमिकता दी—जिसके कारण उन्होंने ट्रंप के न्योते को विनम्रता से मना कर दिया। यह निर्णायक बयान केवल एक राजनीतिक संदेश नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रतिबद्धता का प्रदर्शन था ।


मोदी की प्राथमिकता


जी-7 परिषद के दौरान ट्रंप ने मोदी को व्हाइट हाउस आमंत्रित किया था, लेकिन पीएम ने अमेरिका जाने की बजाय ओडिशा में अपना समय बिताना प्राथमिकता दी। मोदी जी ने सभा में बताया, “मैंने राष्ट्रपति ट्रंप का निमंत्रण विनम्रता से अस्वीकार कर भगवान जगन्नाथ की पवित्र भूमि पर आकर ओडिशा की जनता के साथ इस ख़ास दिन को मनाने का निर्णय लिया।” इस कारण भीड़ ने जोरदार तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया ।


BJP की ओडिशा यात्रा — एक वर्ष का जश्न


इस दौरे का अहम कारण था ओडिशा में पहली बार सत्ता में आई BJP सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों का जश्न। पीएम ने मुख्यमंत्री मोहन मांझी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए इसे "सुशासन और जनविश्वास का उत्सव" बताया। उन्होंने कहा, “यह एक वर्ष केवल एक पड़ाव नहीं था, बल्कि जनता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस दौरान जन सेवा आधारित योजनाएँ महिलाएं, युवाओं और किसानों तक पहुंची, और हमने कई सामाजिक विकास के आयाम तय किए।” यह वर्ष बीजेपी की सरकार की विश्वसनीयता तथा राजनीतिक पूंजी के लिए मीलका पत्थर रहा।


सांस्कृतिक युगल — मंदिर दर्शन और योजनाओं की जानकारी


प्रधानमंत्री ने ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर को भारतीयता की आत्मा बताते हुए जगन्नाथ मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने व्रती योजनाओं के लाभार्थियों से मिलकर सीधे संवाद किया और यहां के आध्यात्मिक व सामाजिक जुड़ाव को पुनः पुष्ट किया।


राजनीतिक संकेत और चुनावी रणनीति


मोदी के इस बयान के समय और संदर्भ ने इसे सिर्फ व्यक्तिगत चयन से कहीं ज्यादा सूचक बना दिया। ट्रंप द्वारा वैश्विक नेताओं को आमंत्रित करने के प्रयासों के बीच भारत का 'ओडिशा को चुनना' राजनीतिक तकरीबन “सांस्कृतिक पुष्टिकरण” और विदेश नीति के विवेक का संदेश दे रहा है । यह चुनावी वर्ष के मद्देनजर रणनीतिक कदम भी माना जा सकता है।


पीएम मोदी द्वारा ट्रंप के न्योते को अस्वीकार कर ओडिशा को प्राथमिकता देना न केवल एक प्रतिवाद और राजनीतिक संदेश है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक स्वाभिमान का दृढ़ उदहारण भी है। इससे स्पष्ट होता है कि उनकी सरकार विकास और जन-समर्पण के साथ सांस्कृतिक मूल्यों को भी महत्व देती है। आगामी चुनावों के मद्देनजर यह घटनाक्रम उनके चुनावी संदेश में मजबूती और ऊंचा राष्ट्रवादी स्वर जोड़ता प्रतीत होता है।

 

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