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नवंबर माह का दूसरा सोम प्रदोष व्रत कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नवंबर माह का दूसरा सोम प्रदोष व्रत कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

November 2025 Som Pradosh Vrat हिंदू पंचांग के अनुसार भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत शुभ व्रत माना जाता है। प्रदोष व्रत हर महीने दो बार आता है , एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। जब यह व्रत सोमवार को पड़ता है, तब इसे Som Pradosh Vrat 2025 कहा जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए सबसे प्रभावशाली माना गया है।

 

प्रदोष व्रत का अर्थ और महत्व

 

पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव का दिन कहा जाता है। इस दिन को संध्या काल में मनाने की परंपरा है, इसलिए इसे प्रदोष कहा जाता है। Som Pradosh Vrat 2025 का पालन करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति, मानसिक शांति, समृद्धि और लंबी आयु का वरदान मिलता है। कहा जाता है कि प्रदोष के समय भगवान शिव कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं। इसी कारण इस व्रत को रखने वाले भक्तों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

November 2025 Som Pradosh Vrat तिथि और शुभ मुहूर्त

 

  • दूसरा सोम प्रदोष व्रत: 17 नवंबर 2025 (सोमवार) को रखा जाएगा।
  • पक्ष और मास: मार्गशीर्ष मास का कृष्ण पक्ष रहेगा।
  • त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 17 नवंबर 2025 की सुबह 4:47 बजे से।
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त: 18 नवंबर 2025 की सुबह 7:12 बजे तक।
  • प्रदोष व्रत 2025 तिथि के अनुसार पूजा इसी अवधि में की जाएगी।
  • सोम प्रदोष व्रत 2025 मुहूर्त: शाम 5:27 बजे से रात 8:07 बजे तक रहेगा।

यह समय भगवान शिव की आराधना, अभिषेक और Som Pradosh Vrat 2025 पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त माना गया है।

 

सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि

 

  • Som Pradosh Vrat 2025 के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। व्रत का संकल्प लेकर पूरे दिन उपवास रखें।
  • शाम को प्रदोष काल (संध्या समय) में दोबारा स्नान करें। पूजा स्थल पर शिवलिंग स्थापित करें और जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें।
  • सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि के अनुसार, भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद चंदन, और शमी के पत्ते अर्पित करें। माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री
  • चढ़ाएं और ‘ॐ नमः शिवाय’ या महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • पूजा के बाद आरती करें, प्रसाद वितरित करें और अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें।

 

सोम प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

 

November 2025 Som Pradosh Vrat केवल भगवान शिव की कृपा पाने का ही माध्यम नहीं, बल्कि यह मानसिक शांति, स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख की प्राप्ति के लिए भी किया जाता है। सोमवार को पड़ने वाले इस व्रत को करने से चंद्र दोष खत्म होते हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को रखने से संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है और वैवाहिक जीवन में प्रेम व सामंजस्य बना रहता है।

 

नवंबर 2025 व्रत त्यौहार सूची में प्रदोष व्रत का विशेष स्थान

 

नवंबर 2025 व्रत त्यौहार में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, क्योंकि इस माह में दोनों प्रदोष सोमवार को पड़ रहे हैं। इस कारण इन्हें सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। पहला प्रदोष व्रत कार्तिक मास का अंतिम (शुक्ल पक्ष) प्रदोष होगा, जबकि दूसरा मार्गशीर्ष मास का पहला (कृष्ण पक्ष) प्रदोष व्रत होगा। इन दोनों दिनों भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

 

प्रदोष व्रत से जुड़ी खास मान्यताएं

 

  • Som Pradosh Vrat 2025 का पालन करने से सभी प्रकार के ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
  • इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • जो भक्त श्रद्धा से सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि का पालन करते हैं, उन्हें भगवान शिव की कृपा से पापों से मुक्ति और धन-समृद्धि का वरदान मिलता है।

 

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