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बिहार के गयाजी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पितरों के पिंडदान के लिए पहुँची

बिहार के गयाजी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पितरों के पिंडदान के लिए पहुँची

बिहार के गयाजी में पितृपक्ष के पावन अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( President Droupadi Murmu) पितरों के पिंडदान और तर्पण के लिए पहुँची हैं। अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विष्णुपद मंदिर में विधिवत पिंडदान किया। उनके साथ बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजूद रहे। गया एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया और फिर वे सीधे विष्णुपद मंदिर के लिए रवाना हुईं।

 

जानकारी के अनुसार, आज दोपहर 12 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( President Droupadi Murmu) का दिल्ली वापसी कार्यक्रम तय है। इससे पहले शुक्रवार को रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनके पुत्र अनंत अंबानी भी गयाजी में पितरों के पिंडदान के लिए पहुंचे थे। गयाजी में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं, जिसमें पुलिस और प्रशासन ने मॉक ड्रिल कर सुरक्षा बलों की तैयारियों को मजबूत किया है।

 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( President Droupadi Murmu) का काफिला गया एयरपोर्ट से 5 नंबर गेट, घुघड़ीटॉड़ बाईपास और बंगाली आश्रम होते हुए विष्णुपद मंदिर तक पहुँचा। सभी संवेदनशील स्थानों पर पैनी निगरानी रखी गई। प्रत्येक मूवमेंट पॉइंट पर मजिस्ट्रेट और सुरक्षा जवान तैनात किए गए। प्रशासन ने आम वाहनों और भीड़ को व्यवस्थित रखने के लिए ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया।

 

गयाजी के पितृपक्ष मेले के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विष्णुपद और फल्गु अक्षयवट में पिंडदान और तर्पण का कर्मकांड करेंगी। यह पहला मौका है जब किसी राष्ट्रपति ने पद संभालते हुए गयाजी में पितरों के पिंडदान का श्राद्ध किया है। उनके पैतृक गांव उड़ीसा के मयूरगंज अंतर्गत ऊपर बेड़ा गांव से भी लोग गयाजी आए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के तहत राष्ट्रपति के मार्ग पर आम वाहनों का परिचालन बंद रखा गया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ड्रॉप गेट बनाए गए और वैकल्पिक मार्ग तय किए गए। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन और पितरों के पिंडदान के दौरान कोई असुविधा या चूक न हो।

 

गयाजी देशभर में पितृपक्ष और पितरों के उद्धार के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहाँ पिंडदान करने से 108 कुलों और सात पीढ़ियों का उद्धार होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी कारण पितृपक्ष में लाखों श्रद्धालु गयाजी आते हैं और अपने पितरों के लिए पिंडदान करते हैं। गयाजी में इस साल पितृपक्ष मेले के बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आगमन ऐतिहासिक रहा, क्योंकि उन्होंने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विधिपूर्वक पिंडदान किया। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क रही और श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और व्यवस्थित वातावरण सुनिश्चित किया गया।

 

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