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द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को बचाने का पाकिस्तानी कबूलनामा

द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को बचाने का पाकिस्तानी कबूलनामा

 

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने UNSC के प्रस्ताव से हटवाया TRF आतंकवाद संगठन का नाम

 

पहलगाम के बैसारन घाटी के कायराना हमले को अंजाम देने की जिम्मेदारी टीआरएफ (TRF) ने ली। टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ एक संगठन है। लेकिन पाकिस्तान हमेशा की तरह आतंकियों का पर्दाफाश न होने के लिए नई चालें चलने लगा है, यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र में भी आतंकवादियों के बचाव में खड़ा है।

 

पाकिस्तान को भारत के हमले का डर

 

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाने के लिए लगातार कई सख्त कदम उठाए हैं। अब पाकिस्तान को हमले का डर सता रहा है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने एक बयान में कहा कि हमारे पास विश्वसनीय खुफिया एजेंसी की जानकारी है कि भारत अगले 24 से 36 घंटे में सैन्य कार्रवाई कर सकता है।

 

UNSC प्रस्ताव से TRF का नाम हटवाया

 

पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में इस बात को कुबूल किया है कि UNSC प्रस्ताव से पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन TRF यानी रेजिस्टेंस फ्रंट का नाम हटवाया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से कोई प्रस्ताव जारी होने पर सदस्य देशों की सहमति जरूरी होती है और इस नियम का इस्तेमाल कर पाकिस्तान ने आतंकियों का बचाव किया है।

 

UNSC प्रस्ताव पर पाकिस्तान ने जताई आपत्ति

 

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में कहा कि पहलगाम हमले से जुड़ा UNSC प्रस्ताव में सिर्फ पहलगाम हमले का जिक्र था, जम्मू-कश्मीर का नाम नहीं लिखा था। इस पर पाकिस्तान की ओर से दखल देते हुए आपत्ति जताई गई और कहा गया कि प्रस्ताव में टीआरएफ (TRF) को पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान को यह प्रस्ताव मंजूर नहीं था और हमने बदलाव किए बगैर प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया।

 

हमले की जिम्मेदारी TRF ने खुद ली

 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी खुद टीआरएफ ने ली जबकि भारत ने इस हमले के लिए टीआरएफ को जिम्मेदार नहीं ठहराया था। अब पाकिस्तान ने UNSC की ओर से भेजे गए प्रस्ताव से टीआरएफ (TRF) संगठन का नाम हटवा दिया है। हालांकि, पाकिस्तान फिलहाल UNSC के 10 अस्थाई सदस्यों में शामिल है, जो 2-2 साल के लिए चुने जाते हैं।

 

TRF 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' आतंकी संगठन

 

22 अप्रैल को पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान लेने की जिम्मेदारी आतंकी संगठन The Resistance Front (TRF) ने ली है, जो पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी संगठन है। यह संगठन 2019 में वजूद में आया। इसे लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन कहा जाता है। कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद इसका गठन किया गया। घाटी में कई टारगेट किलिंग की जिम्मेदारी इस आतंकी संगठन ने ली। इसमें सामान्य से लेकर सेना के लोग भी शामिल थे। भारत ने 2023 में इसे आतंकी संगठन घोषित किया था। इस आतंकी संगठन को वजूद में आए हुए पांच साल ही हुए हैं। TRF ने पहलगाम हमले को टेरर मॉड्यूल्स फाल्कन स्क्वाड को शामिल कर घिनौना अंजाम दिया था।

 

 मिशन के बाद पहचान बदलने वाला मॉड्यूल

 

हिट स्क्वाड और फाल्कन स्क्वाड जैसे आतंकवादी नेटवर्क और कार्यशैली पुराने, खतरनाक और बेहद संगठित आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। ये टेरर स्क्वाड बेहद खूंखार और तेज-तर्रार माने जाते हैं। फाल्कन स्क्वाड छोटे-छोटे ग्रुप हैं जो किसी खास मिशन के लिए तैयार होकर काम करते हैं और अपनी पहचान और चेहरा बदल लेते हैं। ये कोई सीधा समूह नहीं, बल्कि तकनीकी टेरर मॉड्यूल्स हैं, यानी छोटे-छोटे समूह जो किसी खास मिशन के लिए तैयार होते हैं और फिर खत्म हो जाते हैं, या चेहरा बदल लेते हैं। मतलब ये किसी ग्रुप का असल नाम नहीं, बल्कि रणनीति है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले समय में फाल्कन सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।

 

 

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