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जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने को उमर अब्दुल्ला सक्रिय, विपक्ष को लिखा पत्र

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने को उमर अब्दुल्ला सक्रिय, विपक्ष को लिखा पत्र

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने को उमर अब्दुल्ला सक्रिय, उन्होंने इस मुद्दे को लेकर एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने विपक्ष को लिखा पत्र और सभी दलों से अपील की है कि वे संसद में जम्मू-कश्मीर की आवाज बनें और इस संवेदनशील मसले पर मिलकर सरकार पर दबाव बनाएं।

 

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) का यह कदम ऐसे समय में आया है जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की चर्चा जोर पकड़ रही है। उमर का मानना है कि जब तक जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस नहीं मिलेगा, तब तक लोकतंत्र अधूरा रहेगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वे चाहते हैं कि यह मसला संसद में जोर-शोर से उठे।

 

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने अपने पत्र में लिखा है कि विपक्षी दलों को एकजुट होकर केंद्र सरकार से मांग करनी चाहिए कि वह जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करे। उनका कहना है कि यह न केवल राज्य के लोगों की भावनाओं का सम्मान होगा, बल्कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की मजबूती का भी प्रतीक होगा।

 

विपक्ष को लिखा गया यह पत्र एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जिससे उमर अब्दुल्ला देशभर में इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा न दिए जाने से वहां की जनता में निराशा है और यह स्थिति अब और बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

 

उमर अब्दुल्ला का कहना है कि जब 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था। तब से लगातार जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग उठती रही है। अब एक बार फिर से उमर अब्दुल्ला सक्रिय हुए हैं, और उन्होंने विपक्ष को लिखा पत्र ताकि यह मुद्दा संसद और देश की राजनीति में प्राथमिकता बने।

 

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने को उमर अब्दुल्ला सक्रिय हैं और उनका यह पत्र न सिर्फ सियासी हलकों में हलचल पैदा कर रहा है, बल्कि इससे विपक्ष को एकजुट होने का मौका भी मिल रहा है। उमर चाहते हैं कि विपक्ष एक साझा रणनीति बनाकर सरकार से जवाब मांगे।

 

नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरफ से कहा गया है कि यह केवल एक राज्य का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह भारतीय संघीय ढांचे की मजबूती से भी जुड़ा मामला है। उमर अब्दुल्ला का मानना है कि यदि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस नहीं मिला, तो वहां लोकतंत्र का सपना अधूरा ही रहेगा।

 

अंत में, यह साफ है कि उमर अब्दुल्ला फिर से सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने विपक्ष को लिखा पत्र के माध्यम से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की कोशिशों को नया आयाम दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद में विपक्ष इस मुद्दे को कैसे उठाता है और सरकार की प्रतिक्रिया क्या रहती है।

 

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Frequently Asked Questions

 

Q1. उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए क्या पहल की है?
Ans. उमर अब्दुल्ला ने 42 विपक्षी दलों को पत्र लिखकर संसद में राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए विधेयक लाने की मांग की है।

 

Q2. विपक्ष को उमर अब्दुल्ला ने किस मुद्दे पर पत्र लिखा है?
Ans. उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा मांग को लेकर पत्र लिखा है।

 

Q3. क्या जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा मिल सकता है?
Ans. संवैधानिक रूप से संभव है। सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल किया जाए।

 

Q4. उमर अब्दुल्ला की इस चिट्ठी पर विपक्षी दलों की क्या प्रतिक्रिया रही है?
Ans. अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन मुद्दा संसद में उठ सकता है।

 

Q5. उमर अब्दुल्ला ने राज्य के दर्जे की बहाली के लिए किसे पत्र लिखा है?
Ans. कांग्रेस सहित कुल 42 राजनीतिक दलों के नेताओं को पत्र लिखा गया है।

 

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