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JP Nadda : छात्र राजनीति से भाजपा के शीर्ष पद तक पहुंचे जेपी नड्डा, कुछ ऐसा रहा 46 साल का सियासी सफ़र

JP Nadda : छात्र राजनीति से भाजपा के शीर्ष पद तक पहुंचे जेपी नड्डा, कुछ ऐसा रहा 46 साल का सियासी सफ़र

JP Nadda : भाजपा एक कार्यकर्ताओं का संगठन है और इसमें सिर्फ संगठन में ऊंचे पदों पर बैठे लोगों को ही बड़ी जिम्मेदारियां नहीं मिलतीं, बल्कि मेहनत और कड़े परिश्रम के दम पर एक साधारण से कार्यकर्ता को भी पार्टी के शीर्ष पद तक पहुंचने का मौका मिलता है। ऐसी ही एक मिसाल भाजपा (BJP President JP Nadda) के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी हैं, जो आज अपना 65वां जन्मदिन मना रहे हैं।

 

पीएम मोदी ने दी जन्मदिन की बधाई

इस मौके पर पीएम मोदी (PM Modi), केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) सहित देशभर के तमाम वरिष्ठ भाजपा नेता-कार्यकर्ता उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं और उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना कर रहे हैं। वहीं पीएम मोदी ने अपनी एक्स पोस्ट में जेपी नड्डा के लिए लिखा कि मैंने हमारी पार्टी में उनके उल्लेखनीय योगदान को देखा है। उन्होंने हर संगठनात्मक, विधायी और कार्यकारी जिम्मेदारी को पूरी मेहनत से निभाया है। वे एक स्वस्थ भारत सुनिश्चित करने के प्रयासों में सबसे आगे हैं।

 

पटना में जन्मे, छात्र राजनीति से ही एबीवीपी से रहा जुड़ाव

वहीं जेपी नड्डा के निजी जीवन की बात करें तो बिहार की राजधानी पटना में आज ही के दिन साल 1960 में जन्मे जगत प्रकाश नड्डा यानि जेपी नड्डा ने बीए और एलएलबी की परीक्षा पास की और शुरु से ही वे भाजपा की छात्र संगठन इकाई एबीवीपी से जुड़े हुए थे। 1978 में एबीवीपी (ABVP) से जुड़कर नड्डा ने अपनी छात्र राजनीति शुरू की। इसके बाद 1991 से 1994 के बीच भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJP Yuva Morcha) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। उनकी पत्नी मल्लिका नड्डा भी 1988 से 1999 तक एबीवीपी की राष्ट्रीय महासचिव रहीं। 2014 में मोदी सरकार में मंत्री बनने से पहले वह नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह के अध्यक्ष रहते पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे। वहीं 2012 और 2018 में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा (JP Nadda in Rajya Sabha) भेजा।

JP Nadda : छात्र राजनीति से भाजपा के शीर्ष पद तक पहुंचे जेपी नड्डा, कुछ ऐसा रहा 46 साल का सियासी सफ़र

1993 में हिमाचल प्रदेश में पहली बार विधायक बने जेपी नड्डा

वे पहली बार 1993 में हिमाचल प्रदेश से विधायक चुने गए और 1994 से लेकर 1998 तक राज्य विधानसभा में पार्टी के नेता रहे। इसके बाद 1998 में वे फिर विधायक चुने गए और इस बार भाजपा की सरकार में उन्हें स्वास्थ्य और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया। फिर 2007 में सीएम प्रेम कुमार धूमल की सरकार में वन-पर्यावरण, विज्ञान और टेक्नालॉजी विभाग के मंत्री रहे। यानि 2010 के पहले तक नड्डा की राजनीतिक सक्रियता हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के इर्द-गिर्द ही घूमती रही।

JP Nadda : छात्र राजनीति से भाजपा के शीर्ष पद तक पहुंचे जेपी नड्डा, कुछ ऐसा रहा 46 साल का सियासी सफ़र

जनवरी 2019 में उत्तर प्रदेश के प्रभारी बने नड्डा

लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2014) के समय जेपी नड्डा को बीजेपी मुख्यालय से पूरे देश में पार्टी की चुनाव कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग करने का मौका मिला। इसके बाद भाजपा ने जनवरी, 2019 में नड्डा को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का प्रभारी बनाकर भेजा। इस समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह थे। इस दौरान जेपी नड्डा अपनी रणनीतियों के दम पर 49 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर पार्टी के लिए जुटाने में सफल रहे। इसी का नतीजा रहा कि बीजेपी और सहयोगी अपना दल ने कुल मिलाकर 64 सीटें जीतीं।

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2020 में बने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, नड्डा की लीडरशिप में लगातार तीसरी बार केंद्र में बनी NDA सरकार

इसके बाद 20 जनवरी 2020 में नड्डा को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। सितम्बर 2022 में उनका कार्यकाल पूरा हो रहा था, जिसे लोकसभा के चुनावों के मद्देनजर 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया। 2024 में भी नड्डा की लीडरशिप में केंद्र में लगातार तीसरी बार एनडीए की सरकार बनी। वहीं इसके बाद राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और हाल ही में महाराष्ट्र में भी एक बार फिर एनडीए की सरकारें (NDA Government) बनी हैं।

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