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भारत के 5 बाहुबली हथियार, पाकिस्तान के सिस्टम पर भारी

भारत के 5 बाहुबली हथियार, पाकिस्तान के सिस्टम पर भारी

S-400 से लेकर DRDO तक, भारत ने बनाई अटूट हवाई ढाल

 

सीमा पार भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच पूरी दुनिया की चिंता बढ़ गई है। भारत के पश्चिम मोर्चे पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार गतिविधियां हो रही हैं और भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है। एलओसी पर पब्लिक ड्रोन घुसपैठ के जरिए और भारी कैलिबर हथियारों से गोलाबारी की जा रही है। भारतीय सशस्त्र बलों ने अधिकांश खतरों को निष्क्रिय कर दिया। भारत-पाकिस्तान तनाव ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा 7 मई को पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले के बाद हुआ, जो 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था।

 

अंतरराष्ट्रीय सीमा और LoC पर श्रीनगर से नलिया तक 26 से अधिक स्थानों पर हवाई घुसपैठ की कोशिश की गई। हालांकि भारतीय सेना ने अधिकांश हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम किया। भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम के आगे पाकिस्तान के गैर-जिम्मेदाराना हालात टिक नहीं सके। भारतीय प्रणालियों की लंबी रेंज, मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग और स्वदेशी तकनीक ने पाकिस्तानी हमले को नाकाम कर दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम किया है।

 

भारतीय बाहुबल  vs पाकिस्तानी हथियार 

 

सीमा पार भारत-पाकिस्तान तनाव एकीकृत काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम (UAS) ग्रिड, S-400 सुदर्शन, बराक-8, आकाश और DRDO की एंटी-ड्रोन तकनीकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत के शक्तिशाली हथियारों में S-400 सुदर्शन, आकाश, बराक-8, काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम (यूएएस) ग्रिड, आकाश सतह से हवा में मारने वाली मिसाइल और DRDO की एंटी-ड्रोन तकनीकें एक साथ मिलकर भारतीय सीमा में हवाई ढाल बनकर मजबूती से टिकी हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान के हथियार JF-17, J-10, F-16 जेट्स, PL-15 AAM, AMRAAM, HATF, HQ-9 और U-Cabe ड्रोन का उपयोग कर पाकिस्तान की सेना भारत के जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात, राजस्थान को निशाना बना रहे हैं।  

 

आइए जानें 5 भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों (Indian Air Defence Systems) के बारे में -

 

1. S-400 (सुदर्शन चक्र) - रूस द्वारा निर्मित S-400, दुनिया की सबसे उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों में से एक जिसे भारत में “सुदर्शन चक्र” कहा जाता है। यह दुनिया की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल प्रणालियों में से एक है। भारत ने 2018 में 5.43 बिलियन डॉलर के सौदे में पांच रेजिमेंट खरीदे। S-400 की रेंज की बात करें तो यह 400 किमी (इंटरसेप्शन) और 600 किमी (ट्रैकिंग) क्षमता रखता है। S-400 फाइटर जेट्स, ड्रोन, क्रूज मिसाइलें, बैलिस्टिक मिसाइलों सहित विभिन्न हवाई खतरों का पता लगाने, उन्हें ट्रैक करने और उनसे निपटने में सक्षम है। S-400, 300 लक्ष्यों को ट्रैक करने और 36 को एक साथ नष्ट करने की क्षमता रखता है। भारतीय सुदर्शन चक्र (S-400) भारत-पाकिस्तान सीमा तनाव में पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को निष्क्रिय कर रहा है।

 

 

भारत के 5 बाहुबली हथियार, पाकिस्तान के सिस्टम पर भारी

2. बराक-8 (MRSAM) - एक एडवांस मिसाइल रक्षा और वायु रक्षा प्रणाली है। भारत और इज़राइल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित बराक-8 मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली है जो सेना, नौसेना, और वायुसेना में तैनात है। बराक-8 की रेंज करीब 70-100 किमी है जो लंबी दूरी तक मार कर सकती है। बराक-8 को मध्यम दूरी के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, एंटी शिप मिसाइल, ड्रोन के साथ-साथ क्रूज मिसाइलों और अन्य हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है। बराक-8 के एक्टिव रडार होमिंग, मल्टी-फंक्शन रडार, दो-तरफ़ा डेटा लिंक (जीपीएस एस बैंड) सक्रिय रडार सीकर मिसाइल है। बराक-8 नेटवर्क-केंद्रित युद्ध प्रणाली, कई लक्ष्यों को एक साथ नष्ट करने में सक्षम है।

 

 

भारत के 5 बाहुबली हथियार, पाकिस्तान के सिस्टम पर भारी

3. आकाश - DRDO की ओर से विकसित 'आकाश' एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है। इसे DRDO और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड की ओर से निर्मित मिसाइलों द्वारा विकसित किया गया है। यह भारत की निचले स्तर की हवाई रक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आकाश, मिसाइल प्रणाली विभिन्न प्रकार के हवाई खतरों से रक्षा करने में सक्षम है जिसमें फाइटर जेट्स, ड्रोन और क्रूज मिसाइल शामिल हैं। इसकी रेंज करीब 30-50 किमी तक लक्ष्य को भेद सकती है। यह दुश्मन के विमानों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है।

 

 

भारत के 5 बाहुबली हथियार, पाकिस्तान के सिस्टम पर भारी

4. एकीकृत काउंटर - एकीकृत काउंटर-UAS ग्रिड एक उन्नत रक्षा नेटवर्क है। जो अनधिकृत या अवैध ड्रोन (UAVs) को ट्रैक, पता लगाने और निष्प्रभावी करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह 1,800 किमी हवाई क्षेत्र में सक्रिय है। इसकी तकनीकी क्षमता की बात करें तो रडार, रेडियो फ्रीक्वेंसी सेंसर, ऑप्टिकल कैमरे और ध्वनिक डिटेक्टर जैसे उपकरण शामिल हैं। जो अनधिकृत ड्रोन और मिसाइलों का पता लगाने, ट्रैक करने और निष्प्रभावी करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। एकीकृत काउंटर कई खतरों को एक साथ ट्रैक और नष्ट करने में सक्षम है।

 

 

भारत के 5 बाहुबली हथियार, पाकिस्तान के सिस्टम पर भारी

5. DRDO की एंटी-ड्रोन तकनीकें - डीआरडीओ के मुताबिक D4 ड्रोन हवा में 3 किमी की रेडियस में दुश्मन का पता लगाकर 360 डिग्री की कवरेज देता है। इतना ही नहीं, दुश्मन का पता लगाने के बाद यह दो तरह से काम करता है, हार्ड किल और सॉफ्ट किल। अगर इसे हार्ड किल कमांड दी जाती है, तो यह अपने लेजर बीम के जरिए दुश्मन ड्रोन को नष्ट कर देता है। DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) की एंटी-ड्रोन तकनीकें रीयल-टाइम का पता लगाने, ट्रैकिंग और निष्प्रभावी क्षमता रखती हैं। DRDO की तकनीक ऑप्टिकल/थर्मल डिटेक्शन और RF स्पेक्ट्रम डिस्प्ले का उपयोग करती है।

 

 

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