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'बच्चों का इलाज बाकी है' – पाकिस्तानी नागरिक की अपील

'बच्चों का इलाज बाकी है' – पाकिस्तानी नागरिक की अपील

 

पाकिस्तानी नागरिक की सरकार से गुहार, 'आपरेशन है अभी भारत में हमें रहने दिया जाए'

 

Pahalgam Terror Attack : पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान में आतंकियों को पनाह देने और बार-बार जम्मू कश्मीर पर हमला कर निर्दोष लोगों की जान लेने की कायरता हरकत पर कई बड़े फैसले लिए। इनमें एक है सार्क वीजा रद्द करना। भारत की ओर से सार्क वीजा रद्द कर पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के आदेश जारी किए गए।

 

पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के आदेश के बीच अपने दो बच्चों का इलाज कराने गए एक पाकिस्तानी को वीजा रद्द संकट का सामना करना पड़ रहा है। इलाज के लिए भारत में रुकने की मांग करते हुए उन्होंने भारत सरकार और पाकिस्तान सरकार से अपील की है जिससे अपने बच्चों का पूरा इलाज करने के लिए रुकने की अनुमति मिल जाए।

 

सार्क वीजा रद्द होने से देश वापस


सिंध प्रांत के हैदराबाद से आया यह परिवार उन कई प्रभावित लोगों में शामिल है, जिनकी यात्राएं पहलगाम आतंकी हमले के बाद सार्क वीजा रद्द होने के चलते अधूरी रह गईं। लाहौर स्थित अधिकारियों के अनुसार, 24 अप्रैल को 100 से अधिक भारतीय नागरिक पाकिस्तान से स्वदेश रवाना हुए, जबकि और भारतीयों की वापसी जारी रहेगी।

 

बच्चों को दिल की बीमारी

 

पाकिस्तानी नागरिक के दोनों बच्चों जिनकी उम्र 9 और 7 साल है, दोनों बच्चों को जन्म से ही दिल की बीमारी है। पाकिस्तानी नागरिक ने बताया कि ‘मेरे बच्चों को दिल की बीमारी है और उनका बेहतर इलाज नई दिल्ली में संभव है लेकिन पहलगाम की घटना के बाद हमें तुरंत पाकिस्तान लौटने को कहा गया है।

 

इलाज पर करोड़ों खर्च

 

पाकिस्तानी नागरिक ने कहा बच्चों का इलाज दिल्ली में चल रहा है और दोनों की सर्जरी अगले सप्ताह होनी है। लेकिन सरकारी दबाव के चलते अब उनके बच्चों का इलाज अधूरा रह जाएगा। हमने अपनी यात्रा, ठहरने और बच्चों के इलाज में करीब 1 करोड़ खर्च किए हैं। सरकार हमें तुरंत देश छोड़ने को कह रही है। मैं भारत में सरकार से इलाज की गुहार लगा रहा हूं कि मेरे बच्चों का इलाज पूरा होने दें।

 

बाघा बॉर्डर पर भारत-पाक वापसी का सिलसिला

 

करीब 105 भारतीय पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़कर अपने देश वापस आ गए हैं, और भारत में रह रहे करीब 28 पाकिस्तानी नागरिक भारत से वापस अपने वतन चले गए हैं। बाघा अटारी सीमा से भारतीय नागरिक पाकिस्तान से आए और पाकिस्तानी नागरिक भारत से वापस लौटे।

 

कश्मीर में आतंक फैलाने की साजिश बेनकाब

 

22 अप्रैल को पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लश्करे-ए-तैयबा (LET) और उसके प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। जिनका पहला मकसद हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाना था। दूसरा पर्यटन को बंद करके कश्मीरियों की कमाई बंद करना था। खुफिया एजेंसी की जांच में पता चला कि 5 फरवरी 2025 को रावलकोट, पाकिस्तान में भारत विरोधी रैलियां की गईं, जिसमें लश्कर-हमास आतंकियों को न्योता दिया गया। पाकिस्तान और उसके संगठन लश्कर-जैश के भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी भी थे। पहलगाम हमले में लश्कर, हमास और द रेजिस्टेंस फ्रंट का हाथ है। खुफिया एजेंसी ने बताया 5 से 6 आतंकवादी थे, जिनमें 2 से 3 पश्तो भाषा में बात कर रहे थे और दो स्थानीय नागरिक थे।

 

पहलगाम हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान जाने के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ रोष है और आतंकवादियों के पनाहगार पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं और पाकिस्तान में मौजूद भारतीयों को तुरंत स्वदेश लौटने का निर्देश दिया है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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