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मॉनसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, सरकार बोली, सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार

मॉनसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, सरकार बोली, सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार

संसद के मॉनसून सत्र 2025 से पहले शनिवार को सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई बड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया से बातचीत करते हुए साफ कहा कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमला, मणिपुर हिंसा, सीमा सुरक्षा, और ट्रंप के भारत-पाकिस्तान पर बयान समेत सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है, लेकिन यह चर्चा संसद के नियमों के तहत ही होगी।

 

सर्वदलीय बैठक करीब डेढ़ घंटे चली, जिसमें विपक्ष ने कई गंभीर विषयों को संसद में उठाने की मांग की। विपक्ष की ओर से मांग की गई कि जब इन संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा हो, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मौजूद रहें। इस पर रिजिजू ने जवाब दिया कि प्रधानमंत्री सदन में भले सीधे बहस में हिस्सा न लें, लेकिन वे अक्सर संसद परिसर में मौजूद रहते हैं और चर्चा पर नजर रखते हैं।

 
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इस बार के मॉनसून सत्र में सरकार 17 विधेयक (बिल) संसद में पेश करने जा रही है। रिजिजू ने कहा कि सरकार विपक्ष के सभी सवालों के जवाब सदन में बहस के दौरान देगी। उन्होंने सभी दलों से संसद को सुचारू रूप से चलाने की अपील की और कहा कि छोटी पार्टियों को भी बोलने का पर्याप्त समय मिलना चाहिए, सरकार इस पर भी ध्यान देगी।

 

बैठक में एक और बड़ा मुद्दा था, जस्टिस वर्मा महाभियोग प्रस्ताव। रिजिजू ने बताया कि जस्टिस वर्मा के घर से बड़ी मात्रा में कैश, और जले हुए नोट बरामद होने के बाद सरकार उनके खिलाफ महाभियोग लाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। अब तक 100 से ज्यादा सांसदों ने इस महाभियोग प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि इसकी टाइमलाइन अभी तय नहीं है, लेकिन जल्द ही इसे संसद में पेश किया जाएगा।

 

इस पूरी चर्चा में ऑपरेशन सिंदूर, मणिपुर की स्थिति, सीमा सुरक्षा, ट्रंप का बयान, और वोटर लिस्ट रिवीजन जैसे विषय प्रमुख रहे। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि संसद में इन मुद्दों पर खुलकर बहस होगी और सभी दलों की बातें सुनी जाएंगी।

 

 


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