
चैत्र नवरात्रों का प्रारंभ कब से हो रहा है
-
Geetika
- March 26, 2025
नवरात्रि का प्रारम्भ
हिन्दू नव वर्ष के साथ ही नवरात्रि का पावन पर्व भी शुरू होने जा रहा है नवरात्री का ये पर्व 30 मार्च 2025 से शुरू होकर 6 अप्रेल 2025 तक रहेगा| इस बार अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन आ रही हैं| इसलिए इस बार के चैत्रनवरात्रि केवल 8 दिन के होंगे आज हम आपको नवरात्रे घट स्थापना और व्रत उपवास की विधि की सम्पूर्ण जानकारी यंहा देंगे|
चैत्र नवरात्रि का महत्व क्या है और किस वाहन पर होगा माता का आगमन
चैत्र नवरात्रि हिन्दुओं का एक धार्मिक पर्व है जिसे 9 दिन तक हर्षोल्लास से मनाया जाता है| इस व्रत को करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है| और सुख समृद्धि का आगमन रहता है| चैत्र नवरात्रि में हर साल माँ के साथ माँ के वाहन का भी विशेष महत्व होता है और इससे नवरात्रि की विशेषता और भी अधिक बढ़ जाती है| इस बार माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं और ये एक शुभ संकेत का सूचक है हाथी को सुख और समृद्धि का घोतक माना जाता है इसलिए ये शुभता का प्रतीक हैइसे देश और समृद्धि का आगमन होगा| |माँ दुर्गा के नौ रूप सिर्फ मनुष्य की मनोकामना की पूर्ति के लिए नहीं अपितु सृष्टि के कल्याण के लिए भी माँ दुर्गा के रूपों का बहुत महत्वहै नवरात्रों में बहुत से घरों में अखंड ज्योत का भी बहुत महत्व हैं माँ के समक्ष नियमित रूप से घी की ज्योत प्रज्वल्लित करने से घर की सभी नकरात्मक ऊर्जाएं तो दूर होती ही हैं साथ ही अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से 9 दिनों तक अखंड ज्योत जलाता है इससे माँ की कृपा हमेश बनी रहती है,अखंड ज्योत जलाने से किसी प्रकार की बुरी शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करती,घर में खुशहाली का आगमन होता है अखंड ज्योत गाय के घी या सरसों के तेल भी जलाते हैं जिससे पितृ शांत रहते हैं|
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चैत्र नवरात्रों में प्रातः काल उठकर घर की सफाई के बाद स्नान करें और घर को गंगाजल से शुद्ध करें इसके साथ ही माँ की पूजा का स्थान भी साफ करें|
नवरात्रि का त्यौहार घट स्थापना से होता है इसलिए सबसे पहले कलश स्थापना करें कलश स्थपना से पहले अष्टदल बनाये ये 8 पंखुड़ियों का रूप होता है जो नक्षत्र और देवी देवताओं के आशीर्वाद का प्रतीक है|
कलश की स्थापना उत्तर पर्व दिशा में शुभ माना जाता है इससे सुख और समृद्धि का वास रहता है|
कलश पर कलावा बाँध कर उस पर आम के पत्ते और नारियल रखने से ही कलश स्थापना की विधि पूर्ण होती है|
एक मिट्टी के बर्तन में सात अनाज डालें अनाज डालने से और नौ दिन पूजा करने से धरती की उर्वरकता बढ़ती है|
कलश स्थापना के बाद उसमे इलायची ,लौंग ,अक्षत,सुपारी,पान, फूल अर्पित करें|
कलश स्थापना के बाद नियमित रूप से दीपक जलाकर आरती करें|
संध्या के समय होम करें नवरात्रों में होम करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है|
माँ दुर्गा को नवरात्रों में नियमित रूप से अलग अलग फ़लों का भोग लगाएं|
कलश मिट्टी,ताम्बा,चांदी का रखना शुभ माना जाता है|
कलश स्स्थपना के समय स्वास्तिक बनाना शुभता का प्रतीक है|
नारियल मांदुर्गा के मंदिर में देना नवरात्ररों में शुभ माना जाता है नवरात्रों में नारियल देने से धन धान्य की वृद्धि होती है|
कलश स्थापना से क्या लाभ होता है|
कलश स्थापना से घर की नकरात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकरात्मक ऊर्जा का वास होता है|
घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है|
शरीर के रोग दूर होतें हैं |
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या हैं
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च 2025 को सुबह 6 :14 बजे से 10 :21 मिनट तक रहेगा और इसे सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना जा रहा है घट स्थापना का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 6:24 मिनट से लेकर 7:07 मिनट तक रहेगा, इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त सुबह 7 बजकर 56 मिनट से 12 :31 तक रहेगा|
माँ दुर्गा के नौ रूपों के नाम
शैलपुत्री
ब्रह्मचारिणी
चंद्रघंटा
कुष्मांडा
स्कंदमाता
कालरात्रि
महागौरी
सिद्धदात्री
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