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117 ड्रोन से यूक्रेन ने रूस के 40 रूसी जेट और 5 एयरबेस को उड़ाया

117 ड्रोन से यूक्रेन ने रूस के 40 रूसी जेट और 5 एयरबेस को उड़ाया

यूक्रेन और रूस के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध में दोनों देशों की जवाबी कार्रवाई जारी है। इसी श्रृंखला में अब यूक्रेन ने रूस पर अब तक का बड़ा हमला किया है। यूक्रेन के ड्रोन हमले में रूस के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। इस हमले की जानकारी यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करके दी। जेलेंस्की ने यूक्रेन के सैन्य अधिकारियों को धन्यवाद कहा है।

 

'स्पाइडर्स वेब' ऑपरेशन में कुल 117 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया और इसी संख्या में ड्रोन ऑपरेटर भी शामिल थे। ड्रोन हमले में चार रूसी एयरबेसों को निशाना बनाया गया। हमले को अंजाम देने के लिए विस्फोटकों से लैस ड्रोन को लकड़ी के शेड की छतों के भीतर छिपा दिया गया था। इन शेड्स को ट्रकों में लादकर रूसी एयरबेसों के पास पहुंचाया गया।

 

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, "यूक्रेन के सिक्योरिटी ऑपरेशन के हेड वसील मालियुक ने आज के ऑपरेशन को लेकर रिपोर्ट सौंपी। शानदार नतीजा रहा। एक साल, छह महीने और नौ दिनों पहले प्लानिंग की शुरुआत की गई थी। हमारा सबसे लंबी रेंज का ऑपरेशन रहा। ऑपरेशन की तैयारी में शामिल हमारे लोगों को वक्त रहते रूसी क्षेत्र से बुला लिया गया। यूक्रेन की इस सफलता के लिए जनरल मालियुक को धन्यवाद। मैंने यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस को निर्देश दिया है कि वे ऑपरेशन को लेकर जनता को जानकारी दें। इस वक्त सब कुछ नहीं बताया जा सकता, लेकिन यूक्रेन के ये एक्शन इतिहास की किताबों में दर्ज होंगे। रूस ने युद्ध शुरू किया है, रूस को खत्म करना चाहिए। ग्लोरी टू यूक्रेन!"

 

रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "आज, कीव शासन ने मरमंस्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाजान और अमूर में स्थित हवाई क्षेत्रों पर एफपीवी ड्रोन का उपयोग करके एक आतंकी हमला किया। 'स्पाइडर्स वेब' में यूक्रेनी ड्रोनों ने पांच एयरबेस पर हमले किए, जिनमें अज्ञात संख्या में विमान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इससे पहले, यूक्रेन ने दावा किया था कि उसने रविवार को एक ऑपरेशन के तहत रूसी ठिकानों पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले करके लगभग 40 रूसी विमानों को नष्ट कर दिया है।

 

'स्पाइडर्स वेब' नाम के इस ऑपरेशन को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और यूक्रेन की घरेलू खुफिया एजेंसी एसबीयू (SBU) के प्रमुख वसील मलियुक की सीधी निगरानी में चलाया गया। ऑपरेशन की योजना को बनाने में डेढ़ साल का समय लगा। इसे अंजाम देने के लिए यूक्रेन ने फर्स्ट-पर्सन-व्यू (FPV) ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिन्हें ट्रकों में बने लकड़ी के मोबाइल केबिन्स में छिपा कर रूस के अंदर भेजा गया था। रिपोर्ट में बताया गया है, "जब सही समय आया, तो उन केबिन्स की छतें रिमोट से खोली गईं और ड्रोन सीधे रूसी बॉम्बर्स विमानों को निशाना बनाने के लिए उड़ गए।"

 

रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी TASS ने बताया कि यूक्रेन के ड्रोन लाने वाले ट्रकों के ड्राइवरों से पूछताछ की जा रही है। डिफेंस अपडेट में यूक्रेनी ड्रोन हमले को कम लागत में बड़ा असर डालने वाला माना जा रहा है। FPV ड्रोन की कीमत कुछ सौ डॉलर होती है, जबकि 41 भारी बॉम्बर्स विमानों की कुल कीमत अरबों डॉलर में आंकी जा रही है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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