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ट्रंप का बर्थडे, सेना की परेड और 350 करोड़ खर्च, अमेरिका की सड़कों पर 'No Kings' प्रोटेस्ट

ट्रंप का बर्थडे, सेना की परेड और 350 करोड़ खर्च, अमेरिका की सड़कों पर 'No Kings' प्रोटेस्ट

अमेरिका में ट्रंप का जन्मदिन, सेना की परेड और 'No Kings' प्रोटेस्ट: एक विवादास्पद दिन


14 जून 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना 79वां जन्मदिन मनाया, जो अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ और ध्वज दिवस के साथ मेल खाता था। इस अवसर पर वॉशिंगटन डीसी में एक भव्य सैन्य परेड का आयोजन किया गया, जिसमें 6,600 से अधिक सैनिक, 150 से अधिक बख्तरबंद वाहन, 50 से अधिक हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमान शामिल थे। इस परेड की लागत लगभग 25 से 45 मिलियन डॉलर (लगभग 200 से 350 करोड़ रुपये) बताई जा रही है.


सैन्य परेड का उद्देश्य और आलोचनाएँ


राष्ट्रपति ट्रंप ने इस परेड को अमेरिकी सेना की ताकत और गौरव का प्रतीक बताया। उन्होंने इसे देश की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन और अमेरिकी ध्वज के सम्मान में आयोजित किया गया बताया। हालांकि, विपक्षी दलों और नागरिक संगठनों ने इस परेड की आलोचना की। उनका कहना था कि यह परेड ट्रंप की व्यक्तिगत छवि को चमकाने के लिए आयोजित की गई है और यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। कई लोगों ने इसे तानाशाही का प्रतीक बताया और इसे जनता के पैसों की बर्बादी करार दिया।


'No Kings' प्रोटेस्ट: लोकतंत्र की रक्षा में उठी आवाज


इस परेड के विरोध में 'No Kings' नामक एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन ने 2,000 से अधिक शहरों में प्रदर्शन आयोजित किए। इस आंदोलन का उद्देश्य ट्रंप की नीतियों और उनके तानाशाही रवैये के खिलाफ आवाज उठाना था। प्रदर्शनकारियों ने 'Democracy, Not Dynasty' जैसे नारे लगाए और अमेरिकी ध्वज को तानाशाही के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया। फिलाडेल्फिया में आयोजित मुख्य मार्च में हजारों लोगों ने भाग लिया, जबकि अन्य शहरों में भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। हालांकि, कुछ स्थानों पर प्रदर्शन हिंसक हो गए, जैसे लॉस एंजिल्स में पुलिस ने आंसू गैस और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया ।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और मीडिया कवरेज


इस परेड और विरोध प्रदर्शन की अंतरराष्ट्रीय मीडिया में व्यापक कवरेज हुई। वाशिंगटन पोस्ट ने इसे ट्रंप के 'स्वप्निल सैन्य परेड' के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने अमेरिकी सेना की ताकत का प्रदर्शन किया, लेकिन घरेलू अशांति और राजनीतिक हिंसा की अनदेखी की । न्यूयॉर्क पोस्ट ने इसे 'ट्रंप के जन्मदिन की सैन्य परेड' के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें टैंक, हेलीकॉप्टर और युद्धक विमान शामिल थे ।


14 जून 2025 का दिन अमेरिका में एक ऐतिहासिक और विवादास्पद दिन के रूप में याद किया जाएगा। जहां एक ओर ट्रंप के समर्थकों ने इसे अमेरिकी सेना की ताकत और गौरव का प्रतीक माना, वहीं दूसरी ओर विरोधियों ने इसे तानाशाही का प्रतीक और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया। इस घटना ने अमेरिकी समाज में लोकतंत्र, तानाशाही और नागरिक अधिकारों पर गंभीर बहस को जन्म दिया है।

 

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