
Toxic Friendship पहचानने के 5 तरीके – कहीं आप भी तो नहीं फंसे
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Chhavi
- February 5, 2025
Toxic Friendship, दोस्ती जिंदगी का सबसे खूबसूरत रिश्ता होता है, लेकिन क्या हो अगर वही रिश्ता आपको परेशान करने लगे? कई बार हम किसी दोस्त के इतने करीब होते हैं कि हमें यह समझ ही नहीं आता कि वह दोस्ती हमारे लिए सही है या नहीं। Toxic Friendship यानी ऐसी दोस्ती जो आपकी खुशियों को खत्म कर सकती है और आपके आत्मसम्मान (Self-Respect) को भी चोट पहुंचा सकती है। अगर आपको लगता है कि कोई दोस्त आपकी जिंदगी में सिर्फ नेगेटिविटी ला रहा है, लेकिन आप फिर भी उस रिश्ते को ढो रहे हैं, तो यह समय है सच को पहचानने का। आइए जानते हैं वे 5 संकेत, जो बताते हैं कि आपकी दोस्ती Toxic हो चुकी है।
Toxic Friendship: जब दोस्त सिर्फ अपनी बात करता है, आपकी नहीं

एक अच्छी दोस्ती में दोनों को बराबर महत्व मिलता है, लेकिन अगर आपका दोस्त हमेशा अपनी परेशानियों, अपनी खुशियों, और अपने अनुभवों के बारे में ही बात करता है और आपकी बातों को नजरअंदाज कर देता है, तो यह Toxic Friendship हो सकती है। जब भी आप अपनी कोई समस्या शेयर करने की कोशिश करें और वह तुरंत अपनी बात जोड़कर पूरी बातचीत को अपने ऊपर ले आए, तो समझ जाइए कि यह रिश्ता एकतरफा हो सकता है। आपको उसकी परेशानियों की चिंता होती है, लेकिन वह कभी आपकी बात ध्यान से नहीं सुनता। अगर आपकी भावनाओं को हमेशा अनदेखा किया जा रहा है, तो यह दोस्ती एकतरफा हो सकती है। ऐसे में अपने विचार खुलकर रखें और देखें कि दोस्त का रिएक्शन कैसा होता है।
Toxic Friendship: जब वह आपको नीचा दिखाने की कोशिश करे

एक सच्चा दोस्त हमेशा आपको ऊपर उठाने और प्रेरित करने का काम करता है, लेकिन अगर कोई दोस्त बार-बार आपको कमजोर, असफल या बेकार महसूस कराता है, तो यह Toxic Relationship हो सकता है। अगर वह आपके अचीवमेंट्स पर खुश होने की बजाय उनका मजाक उड़ाता है, आपकी गलतियों को बार-बार दोहराकर आपको शर्मिंदा करने की कोशिश करता है या दूसरों के सामने आपको बुरा साबित करने की कोशिश करता है, तो यह संकेत है कि आपकी दोस्ती ज़हरीली हो सकती है। ऐसे दोस्तों के साथ रहने से आपका आत्मविश्वास कमजोर हो सकता है। अगर आपका कोई दोस्त ऐसा कर रहा है, तो उसे साफ-साफ बताएं कि आपको यह व्यवहार पसंद नहीं है। अगर वह फिर भी नहीं बदलता, तो दूरी बना लेना ही बेहतर होगा।
Toxic Friendship: जब दोस्त जरूरत के समय गायब हो जाए

दोस्ती का असली मतलब एक-दूसरे का साथ देना होता है, लेकिन अगर आपका दोस्त सिर्फ मौज-मस्ती के समय आपके साथ हो और जरूरत के समय बहाने बनाकर गायब हो जाए, तो यह एक Warning Sign है। अगर कोई दोस्त सिर्फ तब आपके साथ होता है जब उसे आपकी जरूरत होती है, लेकिन जैसे ही आपको उसकी जरूरत पड़ती है, वह व्यस्त होने का बहाना बनाता है, तो यह रिश्ता आपके लिए सही नहीं है। जब आप खुश होते हैं, तो वह आपके आसपास रहता है, लेकिन जब आप किसी परेशानी में होते हैं, तो वह मदद करने के बजाय आपको नजरअंदाज कर देता है। ऐसी दोस्ती में आप हमेशा खुद को अकेला महसूस करेंगे। ऐसे में, खुद को बचाना जरूरी है और उन लोगों के साथ जुड़ना चाहिए जो हर परिस्थिति में आपका साथ दें।
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Toxic Friendship: जब दोस्त आपके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाए

अगर कोई दोस्त बार-बार आपको ऐसा महसूस कराए कि आप किसी चीज़ के लायक नहीं हैं, तो यह खतरनाक संकेत है। दोस्ती का मतलब सम्मान और बराबरी होता है, न कि एक-दूसरे को छोटा दिखाना। अगर वह बार-बार आपकी कमियों को हाइलाइट करता है, दूसरों के सामने आपकी बेइज्जती करने का मौका ढूंढता है या आपको यह महसूस कराता है कि आप उसके बिना कुछ नहीं हैं, तो यह रिश्ता आपके आत्मसम्मान के लिए सही नहीं है। इस तरह की दोस्ती में बने रहने से आप खुद को कमजोर और हीन महसूस करने लगेंगे। अपने आत्मसम्मान से कभी समझौता न करें और ऐसे दोस्त से दूर होने का फैसला लें, जो आपको गिराने की कोशिश करे।
Toxic Friendship: जब वह आपको लगातार दोषी महसूस कराए

एक Toxic Friend अक्सर आपको ही गलत ठहराने की कोशिश करता है, भले ही गलती उसकी हो। वह आपको गिल्ट-ट्रिप में डालकर हमेशा अपनी बात मनवाने की कोशिश करेगा। अगर आप उसकी किसी बात से असहमत होते हैं, तो वह आपको इमोशनल ब्लैकमेल करता है और हर झगड़े में आपको ही दोषी ठहराता है। जब भी आप अपने लिए कुछ अच्छा करते हैं, तो वह आपको स्वार्थी कहता है, और हर विवाद में गलती आपकी ही होती है। इस तरह की दोस्ती आपको मानसिक रूप से कमजोर बना सकती है। ऐसे लोगों से दूरी बनाना ही बेहतर है, क्योंकि यह रिश्ता आपकी मानसिक शांति को नुकसान पहुंचा सकता है।
Toxic Friendship: इसका क्या हल है
अगर आपको लगता है कि आपकी दोस्ती में ये संकेत मौजूद हैं, तो अब समय है इस पर विचार करने का। सबसे पहले, अपने दोस्त से बात करें। हो सकता है कि उसे इस बात का अहसास न हो। लेकिन अगर वह फिर भी नहीं बदले, तो दूरी बनाना ही बेहतर होगा। सच्ची दोस्ती हमेशा सपोर्टिव और पॉजिटिव होती है, इसलिए ऐसे दोस्तों को चुनें जो आपकी खुशियों को बढ़ाएं, न कि उन्हें खत्म करें।
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