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स्वतंत्रता दिवस पर मीट बैन से बवाल, ओवैसी-आदित्य के बाद अजित पवार ने भी जताई नाराजगी

स्वतंत्रता दिवस पर मीट बैन से बवाल, ओवैसी-आदित्य के बाद अजित पवार ने भी जताई नाराजगी

महाराष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस से पहले मीट बैन विवाद तेज हो गया है। कुछ नगर निकायों ने 15 अगस्त को मांस की दुकानों को बंद करने का आदेश जारी किया, जिस पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) ने कड़ी नाराजगी जताई। अजित पवार ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर मीट बैन लगाना गलत है। उन्होंने साफ कहा कि महाराष्ट्र में अलग-अलग धर्म और जातियों के लोग रहते हैं और यह फैसला उनकी स्वतंत्रता में दखल है।

 

अजित पवार ( Ajit Pawar) का कहना है कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान जरूरी है, लेकिन ऐसे मीट बैन आदेश आमतौर पर आषाढ़ी एकादशी, महाशिवरात्रि या महावीर जयंती जैसे मौकों पर दिए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर मीट बैन उचित नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे महाराष्ट्र के बड़े शहरों में असंतोष पैदा हो सकता है।

 

छत्रपति संभाजीनगर नगर निगम ने 15 अगस्त को ‘गोकुल अष्टमी’ और 20 अगस्त को जैन समुदाय के ‘पर्युषण पर्व’ के कारण मांस की दुकानों और कसाईखानों को बंद रखने का आदेश दिया है। नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। यह आदेश मुंबई के पास कल्याण-डोंबिवली नगर निगम और मालिकगांव नगर निगम में भी लागू किया गया है, जिससे मीट बैन विवाद और बढ़ गया है।

 

इस मामले पर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने भी सियासी बयान दिया और मीट बैन का विरोध किया। आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने कहा कि शाकाहारी या मांसाहारी भोजन का फैसला हर व्यक्ति की निजी पसंद है। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर मांसाहारी भोजन करने की घोषणा करते हुए केडीएमसी आयुक्त को निलंबित करने की मांग की।

 

मीट बैन विवाद पर राजनीति गरमा गई है और विपक्षी नेताओं के सियासी बयान लगातार सामने आ रहे हैं। अजित पवार और आदित्य ठाकरे के अलावा ओवैसी ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि महाराष्ट्र जैसे विविध संस्कृतियों वाले राज्य में स्वतंत्रता दिवस के दिन मीट बैन धार्मिक भावनाओं के नाम पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है।

 

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 Frequently Asked Questions 

 

Q1.स्वतंत्रता दिवस पर मीट बैन विवाद क्या है?
Ans. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में मीट बेचने और मांसाहार पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया, जिसे लेकर राजनीतिक और सामाजिक विवाद खड़ा हो गया।

 

Q2.महाराष्ट्र में मीट बैन किसने लागू किया?
Ans. यह बैन स्थानीय निकायों और प्रशासनिक आदेशों के जरिए लागू किया गया, जिसमें स्वतंत्रता दिवस पर धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मांस बिक्री बंद रखने की बात कही गई।

 

Q3.इस बैन पर ओवैसी की प्रतिक्रिया क्या रही?
Ans. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मीट बैन का कड़ा विरोध किया और इसे लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और खाद्य अधिकारों में दखल बताया।

 

Q4.अजित पवार ने मीट बैन पर क्या कहा?
Ans. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी इस बैन पर नाराज़गी जताई और कहा कि ऐसे निर्णय बिना सभी पक्षों से चर्चा किए नहीं लेने चाहिए, क्योंकि इससे धार्मिक और सामाजिक विवाद बढ़ सकते हैं।

 

Q5.आदित्य ठाकरे की इस विवाद पर क्या प्रतिक्रिया थी?
Ans. शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे ने भी मीट बैन का विरोध किया और कहा कि सरकार को लोगों की निजी पसंद में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

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