
कश्मीर, दिल्ली से पंजाब तक बारिश का तांडव, लैंडस्लाइड और बाढ़ से बिगड़े हालात
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Manjushree
- September 5, 2025
मॉनसून की भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। हिमाचल की पहाड़ियों, कश्मीर की खूबसूरत घाटियों, दिल्ली की सड़कें या पंजाब में आए बारिश के कहर से भीषण बाढ़ हर जगह कुदरत का कहर बरपा हुआ है। कई जगहों पर लोग बेघर हो गए हैं।
भारी बारिश के कारण गुरुवार को कश्मीर (Kashmir) घाटी में भूस्खलन के कारण देश के बाकी हिस्सों से सड़क संपर्क से टूट गया है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित सभी सड़क मार्ग कई जगहों पर भूस्खलन और सड़कों के बह जाने के कारण बंद रहे। 26 अगस्त से बंद राजमार्गों और अन्य अंतर-क्षेत्रीय सड़कों के कारण कठुआ से कश्मीर तक 3500 से अधिक वाहन तमाम स्थानों पर फंसे हुए हैं। रेल यातायात भी नौ दिनों से ठप पड़ा है। कटरा के पास माता वैष्णो देवी मंदिर के निकट भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कुल्लू जिले में गुरुवार को भूस्खलन (Landslide) के कारण इनर अखाड़ा बाजार के पास तीन मकान मलबे में दब गए, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग घायल हुए। पांच लापता लोगों की तलाश में एनडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन युद्धस्तर पर रेस्क्यू जारी हैं। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, हिमाचल में कुल 1,292 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी में 294, कुल्लू में 226, शिमला में 216, चंबा में 204 और सिरमौर में 91 सड़कें शामिल हैं।
खराब मौसम के कारण हेमकुंड साहिब और चार धाम यात्रा पर आज तक रोक लगा दी गई है। इससे पहले उत्तराखंड के धराली में बादल फटने के बाद जो सैलाब आया उसमें कितनों के घर कागज की नाव की तरह बह गए। स्थानीय मौसम विभाग ने शुक्रवार और शनिवार को राज्य में अलग-अलग स्थानों पर गरज और बिजली के साथ बारिश की चेतावनी दी है।
मानसून के कहर से पंजाब (Punjab) में दशकों की सबसे भीषण बाढ़ ने 37 लोगों की जान ले ली और 3.55 लाख लोगों को प्रभावित किया। करीब 1.75 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गईं। हरियाणा में जल निकासी और पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आपात बैठकें बुलाई गई हैं। राज्य के प्रभावित हालात और राहत बचाव की समीक्षा के लिए सीएम भगवंत मान ने आज कैबिनेट के बैठक बुलाई है।
लगातार बारिश के कारण दिल्ली (Delhi) में यमुना नदी का जलस्तर गुरुवार को 207.46 मीटर पर स्थिर रहा। यमुना के बढ़ते जलस्तर ने यमुना बाजार, गीता कॉलोनी, मजनू का टीला, कश्मीरी गेट, गढ़ी मांडू और मयूर विहार जैसे इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया है। अब तक 14,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि जलस्तर धीरे-धीरे कम होने की उम्मीद है, लेकिन आसपास के क्षेत्रों और राहत शिविरों में बाढ़ का पानी अभी भी मौजूद है। बाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय जहां मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और प्रमुख नौकरशाहों के कार्यालय हैं, वहां तक पहुंच गया।
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