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चौहान परिवार की राजनीति में नई एंट्री, शिवराज की बहू अमानत की सियासत में दस्तक

चौहान परिवार की राजनीति में नई एंट्री, शिवराज की बहू अमानत की सियासत में दस्तक

शिवराज सिंह चौहान की बहू अमानत का सियासी सफर

भारतीय राजनिति (Indian politics) में परिवारवाद पर हमेशा से ही चर्चा होती रहती है। बता दें कि भाजपा (BJP) ने अपने राजनीतिक एजेंडे में परिवारवाद का खुलकर विरोध किया है। लेकिन अब उसी पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के परिवार में एक नया राजनीतिक चेहरा सामने आ रहा है, और वह है उनकी बहू अमानत बंसल चौहान (Amanat Bansal Chauhan) । बता दें कि अमानत की राजनीतिक सक्रियता को लेकर हाल ही में जो बातें सामने आई है, उन्होंने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। इसी के चलते कई सवाल भी उठ रहे है। क्या ये कदम बीजेपी में परिवारवाद की एक नई परिभाषा बन सकता है? क्या अमानत (Amanat Bansal Chauhan) आने वाले समय में शिवराज सिंह चौहान की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएंगी?

 

चौहान परिवार की राजनीति में नई एंट्री, शिवराज की बहू अमानत की सियासत में दस्तक

शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक गढ़

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) भारतीय राजनीति में बड़ा चेहरा है। वे कई बार मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री रह चुके है और फिलहाल केंद्र में मंत्री है। बता दें कि उनका राजनीतिक गढ़ बुधनी (Budhni) और भेरुन्दा (Bherunda) क्षेत्र रहा है। यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की है। माना जा रहा है कि अब ये ही क्षेत्र वापस चर्चा का विषय बना हुआ है। लेकिन इस बार उनकी बहू अमानत की वजह से सुर्खियों में है।

 

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चौहान परिवार की राजनीति में नई एंट्री, शिवराज की बहू अमानत की सियासत में दस्तक

अमानत का भावनात्मक भाषण

जानकारी के मुताबिक हाल ही में एक जनसभा में अमानत (Amanat) ने कहा कि- मैं क्षेत्र की बेटी और बहू बनकर सेवा करती रहूंगी। वहीं इसी के चलते सियासी गलियारों में हलचले तेज हो गई। माना जा रहा है कि इस एक वाक्य ने साफ कर दिया कि अमानत अब सिर्फ परिवार की सदस्य नहीं, बल्कि राजनीति में अपनी पहचान बनाने को तैयार हैं। उनका यह बयान भावनात्मक जरुर है, लेकिन इसके पीछे एक रणनीतिक सोच भी नजर आती है।


परिवारवाद की राजनीति के चलते उठे सवाल

भारतीय जनता पार्टी (BJP) हमेशा खुद को पारंपरिक परिवारवाद (traditional nepotism) से अलग बताती रहती है। इसी बीच कांग्रेस और अन्य दलों पर वह अवसर परिवारवाद को लेकर हमला करती रही है। लेकिन जब उसी पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता का परिवार राजनीति में सक्रिय होता है, तो सवाल उठते हैं। क्या यह भाजपा के विचारों के खिलाफ है? या फिर इसे जनसेवा की एक ईमानदार पहल माना जाए?


जानकारों को क्या है कहना ?

वहीं राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अमानत पहले से सामाजिक कार्यों (social work) में रुचि रखती है। उन्होंने अपने पति कार्तिकेय सिंह चौहान के साथ मिलकर समाजसेवा (social service) से जुड़े कई कार्यों में भागीदारी निभाई है। अब राजनीति में सक्रिय होना उनका अगला कदम साबित हो सकता है। यदि वह जनता से सीधे जुड़ने में सफल होती हैं, तो यह कदम सिर्फ परिवारवाद नहीं, बल्कि एक सामाजिक नेतृत्व (social leadership) के रूप में देखा जा सकता है।


बीजेपी के लिए चुनौती या अवसर ?

चौहान परिवार की राजनीति में नई एंट्री, शिवराज की बहू अमानत की सियासत में दस्तक

बीजेपी (BJP) के लिए यह स्थिति एक तरफ से चुनौती भी हो सकती है, तो दूसरी ओर यह एक मौका भी साबित हो सकता है। अवसर की बात करें तो अगर अमानत चौहान (Amanat Chauhan) जनता में लोकप्रिय होती हैं, तो पार्टी को एक मजबूत नया चेहरा मिल सकता है, जो महिला और युवा वर्ग को आकर्षित कर सकता है। वहीं कयास लगाए जा रहे है कि- अब अगर शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की बहू उसी रास्ते पर चलती हैं, तो यह स्पष्ट संकेत है कि चौहान परिवार (Chouhan Family) अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की तैयारी में है। लेकिन यह भी जरूरी है कि यह विस्तार केवल रिश्तों के आधार पर न हो, बल्कि इसमें जनसेवा की भावना प्रमुख हो।

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राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी

माना जा रहा है कि अमानत (Amanat Chauhan) की राजनीति में सक्रियता एक और बड़े मुद्दे को सामने लाती है और वह है महिलाओं (women) की राजनीति में भागीदारी। बता दें कि देश की राजनीति में अब महिलाएं तेजी से आगे आ रही हैं। अगर अमानत इस रास्ते पर मजबूती से चलती हैं, तो वह महिला नेतृत्व (women leadership) के एक नए उदाहरण के रूप में उभर सकती हैं।

 

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