
Sher-e-Punjab Maharaja Ranjit Singh: दस साल की उम्र में पहली लड़ाई, 18 साल में जीत लिया लाहौर
-
Ashish
- November 13, 2024
Sher-e-Punjab Maharaja Ranjit Singh: देश के इतिहास में जब भी महान राजाओं की बात होगी तो उसमें शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह का नाम जरूर आएगा। पंजाब पर राज करने वाले महाराजा रणजीत सिंह ने 10 साल की उम्र में अपना पहला युद्ध लड़ा और 12 साल की उम्र में गद्दी संभाली। वहीं, 18 साल की उम्र में उन्होंने लाहौर पर विजय प्राप्त की। 40 साल के अपने शासन के दौरान उन्होंने अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के पास भी नहीं आने दिया। दशकों तक राज करने के बाद 27 जून 1839 को रणजीत सिंह का निधन हो गया, लेकिन उनकी वीरता की कहानियां आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।
जीवनी (महाराजा रणजीत सिंह)
महाराजा रणजीत सिंह का जन्म 13 नवंबर 1780 को पंजाब (अब पाकिस्तान) के गुजरांवाला में महा सिंह और राज कौर के परिवार में हुआ था। महाराजा रणजीत सिंह ने छोटी उम्र में ही चेचक के कारण एक आंख की रोशनी खो दी थी। जब वे 12 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया और राज्य का पूरा भार उनके कंधों पर आ गया। उस समय पंजाब प्रशासनिक तौर पर टुकड़ों में बंटा हुआ था। इन्हें मिसल कहा जाता था और इन मिसलों पर सिख सरदारों का शासन था। रणजीत सिंह के पिता महा सिंह सुकरचकिया मिसल के कमांडर थे, जिसका मुख्यालय गुजरांवाला में था।
20 साल की उम्र में बने महाराजा
महाराजा रणजीत सिंह ने अपने सैन्य अभियान की शुरुआत अन्य मिसलों के सरदारों को हराकर की थी। उन्होंने अपनी पहली जीत 7 जुलाई 1799 को हासिल की थी। उन्होंने चेत सिंह की सेना को हराकर लाहौर पर कब्जा कर लिया, जब वे किले के मुख्य द्वार में दाखिल हुए तो उन्हें तोपों की शाही सलामी दी गई। इसके बाद उन्होंने अगले कुछ दशकों में एक विशाल सिख साम्राज्य की स्थापना की। इसके बाद 12 अप्रैल 1801 को रणजीत सिंह को पंजाब के महाराजा के रूप में ताज पहनाया गया। गुरु नानक जी के वंशज ने उनका राज्याभिषेक किया। उन्होंने यह उपलब्धि महज 20 साल की उम्र में हासिल की थी। इसके बाद 1802 में उन्होंने अमृतसर को अपने साम्राज्य में मिला लिया और 1807 में उन्होंने अफगान शासक कुतुबुद्दीन को हराकर कसूर पर कब्जा कर लिया।
रणजीत सिंह का सैन्य अभियान और विजय
रणजीत सिंह ने अपनी सेना के साथ हमला किया और 1818 में मुल्तान और 1819 में कश्मीर पर कब्ज़ा कर लिया, जिससे यह सिख साम्राज्य का हिस्सा बन गया। महाराजा रणजीत ने अफ़गानों के खिलाफ़ कई लड़ाइयाँ लड़ीं और उन्हें पश्चिमी पंजाब की ओर खदेड़ दिया। अब, उन्हें पेशावर सहित पश्तून क्षेत्र पर नियंत्रण मिल गया। यह पहला मौका था जब किसी गैर-मुस्लिम ने पश्तूनों पर शासन किया। 1813 से 1837 के बीच अफ़गानों और सिखों के बीच कई युद्ध हुए। 1837 में जमरूद की लड़ाई उनके बीच आखिरी संघर्ष था। इस संघर्ष में रणजीत सिंह के सबसे अच्छे सेनापतियों में से एक हरि सिंह नलवा मारे गए।
इस युद्ध में, कुछ रणनीतिक कारणों से अफ़गानों का पलड़ा भारी हो गया और उन्होंने काबुल पर फिर से कब्ज़ा कर लिया। उन्होंने पहली आधुनिक भारतीय सेना "सिख खालसा सेना" का गठन किया। उनके संरक्षण में, पंजाब अब एक बहुत शक्तिशाली प्रांत था। इस शक्तिशाली सेना ने लंबे समय तक ब्रिटेन को पंजाब पर कब्ज़ा करने से रोके रखा। एक समय था जब पंजाब ही एकमात्र ऐसा प्रांत था जिस पर अंग्रेजों का कब्जा नहीं था। ब्रिटिश इतिहासकार जे.टी. व्हीलर के अनुसार, यदि वे एक पीढ़ी बड़े होते, तो वे पूरे भारत पर विजय प्राप्त कर लेते। महाराजा रणजीत खुद अशिक्षित थे, लेकिन उन्होंने अपने राज्य में शिक्षा और कला को बढ़ावा दिया।
एक धर्मनिरपेक्ष साम्राज्य की स्थापना की
उन्होंने पंजाब में कानून और व्यवस्था स्थापित की और कभी किसी को मृत्युदंड नहीं दिया। उनका प्रांत धर्मनिरपेक्ष था। उन्होंने हिंदुओं और सिखों से वसूले जाने वाले जजिया कर पर भी रोक लगा दी। उन्होंने कभी किसी को सिख धर्म अपनाने के लिए मजबूर नहीं किया। इस बारे में वे कहते थे, भगवान ने मुझे एक आंख दी है, इसलिए मैं हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, अमीर और गरीब सभी को समान रूप से देखता हूं। उन्होंने तख्त सिंह पटना साहिब और तख्त सिंह हजूर साहिब का भी निर्माण किया। उन्होंने अमृतसर के हरमंदिर साहिब गुरुद्वारे में संगमरमर और सोने की परत भी लगवाई, तभी से इसे स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाने लगा।
सिख साम्राज्य का पतन
दशकों तक शासन करने के बाद 27 जून 1839 को रणजीत सिंह की मृत्यु हो गई। उनके बाद सिख साम्राज्य की बागडोर खड़क सिंह के हाथों में आ गई। खड़क सिंह रणजीत सिंह के मजबूत सिख साम्राज्य को संभालने में विफल रहे। शासन की कमियों और आपसी कलह के कारण सिख साम्राज्य का पतन शुरू हो गया। सिखों और अंग्रेजों के बीच 1845 के युद्ध के बाद महान सिख साम्राज्य पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया।
Comment / Reply From
महत्वपूर्ण खबर
Categories
- देश (1328)
- अपराध (111)
- मनोरंजन (267)
- शहर और राज्य (320)
- दुनिया (520)
- खेल (309)
- धर्म - कर्म (479)
- व्यवसाय (149)
- राजनीति (516)
- हेल्थ (153)
- महिला जगत (46)
- राजस्थान (345)
- हरियाणा (50)
- मध्य प्रदेश (45)
- उत्तर प्रदेश (169)
- दिल्ली (203)
- महाराष्ट्र (108)
- बिहार (72)
- टेक्नोलॉजी (150)
- न्यूज़ (80)
- मौसम (79)
- शिक्षा (100)
- नुस्खे (65)
- राशिफल (275)
- वीडियो (916)
- पंजाब (23)
- ट्रैवल (14)
- अन्य (28)
- जम्मू कश्मीर (59)
Vote / Poll
क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..