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Syria Civil War : भारत ने सीरिया से अपने 75 नागरिकों को निकाला सुरक्षित, लेबनान के रास्ते से लौटेंगे अपने वतन

Syria Civil War : भारत ने सीरिया से अपने 75 नागरिकों को निकाला सुरक्षित, लेबनान के रास्ते से लौटेंगे अपने वतन

Syria Civil War :  दमिश्क और बेरूत स्थित भारतीय दूतावासों के बीच मजबूत समन्वय के कारण भारतीय नागरिकों की सीरिया से सुरक्षित निकासी संभव हो पाई। मंत्रालय ने बताया कि सीरिया में चल रहे हालात पर उनकी लगातार निगरानी है और वहां मौजूद भारतीय नागरिकों के साथ संपर्क बनाए रखा गया है।


सीरिया से भारतीय नागरिकों को निकाला सुरक्षित
भारत ने सीरिया से 75 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला। यह कार्रवाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार को अस्थिर करने वाले विद्रोही हमलों के दो दिन बाद की गई। विदेश मंत्रालय (MEA) ने जानकारी दी कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनकी सुरक्षित निकासी का प्रबंधन दमिश्क और बेरूत स्थित भारतीय दूतावासों द्वारा किया गया। मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की कि निकाले गए नागरिकों में जम्मू-कश्मीर के 44 तीर्थयात्री शामिल हैं, जो सीरिया के सैयदा जैनब में फंसे हुए थे, जो शिया मुसलमानों का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।


जम्मू कश्मीर के 44 जायरीन
देर रात जारी एक बयान में भारत सरकार ने कहा है कि- सीरिया में हाल ही में हुए घटनाक्रम के बाद आज 75 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया। बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि- निकाले गए नागरिकों में जम्मू-कश्मीर के 44 तीर्थयात्री शामिल हैं, जो सैयदा जैनब में फंसे हुए थे। सभी भारतीय नागरिक अब सुरक्षित रूप से लेबनान पहुंच गए हैं और उन्हें जल्द ही कमर्शियल फ्लाइट्स के जरिए भारत वापस लाया जाएगा।


विदेश मंत्रालय ने क्या कहा ?
बता दें कि विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि- सरकार विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता मानती है। मंत्रालय ने कहा- सीरिया में मौजूद भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे दमिश्क स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क में रहें। इसके साथ ही मंत्रालय ने यह भी बताया कि- सरकार सीरिया की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखेगी।


सीरिया में इजरायल का हवाई हमला
इसी के साथ ही इजरायल ने सीरिया में जोरदार हवाई हमले किए हैं और उसके सैनिक सीरिया की सीमाओं में प्रवेश कर गए हैं। इजरायली रक्षा मंत्री ने यह घोषणा की कि उनकी सेना ने सीरिया की नौसेना को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। इजरायल ने यह भी स्वीकार किया है कि विद्रोहियों द्वारा सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद को अपदस्थ किए जाने के बाद, उसने सीरिया के अंदर ‘बफर जोन’ में प्रवेश किया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इजरायली सैनिक इस क्षेत्र से आगे बढ़े हैं या नहीं, जो कि 50 साल से अधिक समय से स्थापित किया गया था। इजरायल ने इस बात को नकारा किया है कि उसकी सेना सीरिया की राजधानी दमिश्क की ओर बढ़ रही है।


आतंकवादी खतरों से मुक्त रक्षा क्षेत्र
इजरायल ने सीरिया के अंदर 400 वर्ग किलोमीटर का बफर जोन अपने कब्जे में ले लिया था, जिसे 1973 के पश्चिम एशिया युद्ध के बाद स्थापित किया गया था। इजरायल के रक्षा मंत्री, इजराइल काट्ज़ ने हाइफा में स्थित एक नौसेना अड्डे पर बयान देते हुए कहा कि उनकी सेना सीरिया में आतंकवाद को फैलने से रोकने के लिए दक्षिणी सीरिया में एक ऐसा सुरक्षा क्षेत्र बनाएगी, जो हथियारों और आतंकवादी खतरों से मुक्त होगा, और इसमें इजरायल की कोई स्थायी मौजूदगी नहीं होगी।


300 से ज्यादा हवाई हमले
दमिश्क और उसके उपनगरों में रात भर और मंगलवार को भारी हवाई हमलों की आवाजें सुनाई दीं। हालांकि, दमिश्क पर नियंत्रण रखने वाले हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेतृत्व वाले विद्रोही समूहों की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इजरायल ने यह भी दावा किया कि वह संदिग्ध रासायनिक हथियारों और भारी हथियारों को निशाना बना रहा है, ताकि ये हथियार चरमपंथियों के हाथों में न जा सकें। एक रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति बशर अल असद को सत्ता से बेदखल करने के बाद से इजरायल ने सीरिया के विभिन्न हिस्सों में 300 से ज्यादा हवाई हमले किए हैं।

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