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तीव्र सौर तूफान ने लद्दाख में मचाया तहलका, तूफान के बाद दिखी दुर्लभ आकाशीय रोशनी

तीव्र सौर तूफान ने लद्दाख में मचाया तहलका, तूफान के बाद दिखी दुर्लभ आकाशीय रोशनी


हाल ही में लद्दाख के लेह में दुर्लभ आकाशीय रोशनी का दृश्य देखा गया है, जो सूर्य की बढ़ती सक्रियता का परिणाम है। वर्तमान में, सूर्य एक सक्रिय अवस्था में है, जिससे तीव्र सौर तूफान उत्पन्न हो रहे हैं, जो पृथ्वी की ओर आवेशित कणों को छोड़ते हैं। जब ये कण वायुमंडल में पहुंचते हैं, तो अद्भुत और रहस्यमय आकाशीय घटनाएं उत्पन्न होती हैं। यह घटना आमतौर पर उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के पास दिखाई देने वाली रोशनी का एक बहुरूपदर्शक बनाती है, लेकिन इस साल सौर गतिविधि इतनी तीव्र रही है कि ये रोशनी चमकीले लाल आसमान के रूप में दिखाई दे रही है और इसे लद्दाख के लेह तक दक्षिण में देखा जा सकता है।


लद्दाख में मौजूद भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान, बेंगलुरु और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई के वैज्ञानिकों ने हानले और लेह के आसमान में इन ऑरोरल लाइट्स को खूबसूरती से कैद किया है भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक प्रोफेसर अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने कहा, "सूर्य वर्तमान में सक्रिय है और पिछले कुछ महीनों में कई तीव्र ज्वालाएं हुई हैं। ये ज्वालाएं इतनी तीव्र हैं कि हम हान्ले जैसे निचले उत्तरी अक्षांशों में भी ध्रुवीय ज्योति देख सकते हैं।"

 

इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने दी जानकारी
इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (Institute of Astrophysics) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "वर्तमान सौर चक्र के दौरान एक असाधारण चौथी बार, भारत के लद्दाख से तीव्र लाल रंग की ऑरोरल गतिविधि देखी गई, और 10-11 अक्टूबर 2024 की रात को हानले, लेह और मेराक से भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) के खगोलविदों द्वारा इसकी तस्वीरें ली गईं। ऑरोरा को हानले और मेराक में रात भर सभी-आसमान कैमरों द्वारा कैद किया गया। उत्तरी आकाश में चमकदार लाल उत्सर्जन को बिना किसी सहायता के आसानी से देखा गया और वेधशाला के कर्मचारियों ने अपने कैमरों से इसकी तस्वीरें भी लीं।"

 

वैज्ञानिकों की नजर सौर गतिविधियों के कम होने पर
भारत की स्पेस वेदर टीम ने 7 अक्तूबर को सूर्य की बढ़ती गतिविधि के संकेत देखे। उन्होंने कंप्यूटर मॉडल्स का इस्तेमाल कर 9 अक्तूबर के लिए एक बड़े सौर तूफान की भविष्यवाणी की, जो बाद में ऑरोरा की वजह बना। बेहद बड़े होने पर ये सौर तूफान सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं और बिजली कटौती भी कर सकते हैं। लद्दाख में हाल ही में दिखे ऑरोरा संकेत देते हैं कि वर्तमान सौर गतिविधि चक्र अपने चरम पर है। हालांकि, वैज्ञानिक अभी भी देख रहे हैं कि सूर्य की गतिविधि कब कम होने लगेगी, जिससे आने वाले वर्षों में सौर तूफान और ऑरोरा की घटनाएं कम हो जाएंगी। 

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