Astrology : ग्रहों की स्थिति से प्रभावित होना है मन, अपनी आदतों को बदलकर ग्रह-नक्षत्रों को करें अपने पक्ष में
- Anjali
- October 17, 2024
Astrology : ग्रह-नक्षत्रों का मानव मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जो प्राचीन काल से ही अध्ययन का विषय रहा है। कई संस्कृतियों का मानना है कि आकाशीय पिंडों की स्थिति और गति हमारे मानसिक और भावनात्मक हालात को प्रभावित करती है। अध्यात्म शोधकर्ताओं के अनुसार मन चुम्बक के समान घटनाओं और परिस्थितियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। जब ग्रह-नक्षत्र खराब होते हैं, तो सबसे पहले मन विचलित होता है। विचलित मन अस्थिरता के कारण गलत निर्णय, गलत सोच को विकसित कर अनिष्ट घटनाओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसलिए जीवन में सुख, शांति और सफलता प्राप्त करने के लिए मन का मजबूत होना अत्यंत आवश्यक है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा का मन से गहरा संबंध होता है। चंद्रमा व्यक्ति की भावनाओं, मानसिक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक प्रवृत्तियों को दर्शाता है। इसलिए, जब किसी व्यक्ति की जन्मपत्री का विश्लेषण किया जाता है, तो चंद्रमा की स्थिति से उसकी मानसिक स्थिति को समझा जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में सुनफा, अनफा, केमद्रुम जैसे योगों का वर्णन प्राप्त होता है। सफल होने के लिए मन का एकाग्र होना अत्यन्त आवश्यक है। जन्म कुंडली में बनने वाले केमद्रुम योग के कारण मन एक स्थान पर स्थिर नहीं हो पाता, बार-बार निर्णय बदलने और हर समय शंका में होने के कारण केमद्रुम योग वाला व्यक्ति मार्ग से भटकने लगता है।
हमारी दिनचर्या में कई ऐसे कार्य होते हैं, जो सीधे हमारे स्वभाव को प्रभावित करते हैं। ये गतिविधियां न केवल हमारे मानसिक स्वास्थ्य को आकार देती हैं, बल्कि हमारे भावनात्मक संतुलन और संबंधों पर भी गहरा असर डालती हैं। जब धीरे-धीरे यह कार्य हम रोजाना करने लगते हैं, तो कुछ समय के बाद यह हमारी आदत बन जाते हैं। साधारण-सी दिखने वाली आपकी कुछ आदतें कब आपके जीवन में आशा-निराशा भर देती हैं, आपको पता भी नहीं चलता। अच्छी आदतों को अपनाने से उनका सकारात्मक असर ग्रह अनुकूलता के रूप में प्राप्त होने लगता है। जब हम बुरी आदतें अपना लेते हैं, तो इसका हमारे भाग्य एवं कुंडली के ग्रहों पर बेहद बुरा होता है। ग्रह नक्षत्रों से ही आदत एवं स्वभाव बनता-बिगड़ता है। इसलिए स्वभाव को परिवर्तित करने से ग्रह-नक्षत्र भी परिवर्तित होने लगते हैं।
अपनी आदतों को बदलें
ग्रहों को अनुकूल बनाने के लिए दान का विशेष महत्व है।अपनी आदत के अनुसार कुछ धनवान व्यक्ति अकूत धन संपत्ति संग्रहित होने के बावजूद, उन्हें सदा धन की कमी का अनुभव होता है। अगर व्यक्ति की अंदरूनी प्रवृत्ति अथवा उसके विचार में दान करने से धन घटता है, तो धनवान एवं सम्पन्न होने के बावजूद वह अपनी आदत के अनुसार दान नहीं कर पाता। इस आदत के चलते शुभ ग्रह भी अशुभ ग्रहों की भूमिका में कष्ट देने लगते हैं।
ऐसे में अगर व्यक्ति अपनी प्रवृत्ति को परिवर्तित कर दान करने का संकल्प करता है, तो इसी संकल्प एवं दान के साथ ग्रह-नक्षत्रों में लिखा दोष एवं अशुभ फल भी शुभ कल्याणकारी परिणामों में परिवर्तित हो जाता है। यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह कमजोर या अनुकूल स्थिति में नहीं है, तो इसके प्रभाव को उसकी आदतों और व्यवहार से पहचाना जा सकता है। ज्योतिष में यह विश्वास किया जाता है कि ग्रहों की स्थिति हमारे मनोविज्ञान और जीवन की घटनाओं पर गहरा असर डालती है। इसलिए कहा गया है, 'हमारी आदतों का संबंध हमारे भविष्य से होता है'। यही नहीं इसका संबंध हमें प्राप्त होने वाले सुख-दुःख से भी है। आदतें बता देती हैं कि हमारी सोच कैसी है और हमारा स्वभाव कैसा है। अगर आदतों में बदलाव या उन पर विजय पाई जाए, तो हम अपने जीवन में बहुत बदलाव ला सकते हैं।
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