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Global Hunger Index Report: ग्लोबल हंगर इंडेक्स  में भारत का 105 वां स्थान

Global Hunger Index Report: ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत का 105 वां स्थान

Global Hunger Index Report : वैश्विक भूख सूचकांक के अनुसार 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक 127 देशों में से भारत का 105 वां स्थान आया है। जिसमें भूख की गंभीर समस्याएं शामिल हैं। वहीं भारत की रैंक में पिछले सालों की तुलना में इस वर्ष सुधार आया है। इसी आधार पर चीन, जॉजिया, चिली, रोमानिया, कुवैत, तुकी, रूस, सहित 22 देश संयुक्त रूप से पहले स्थान पर हैं। इन देशों में सबसे कम भुखमरी है। नेपाल 68 वें स्थान पर , श्रीलंका 56वें और बांग्लादेश 84वें स्थान पर है।

2024 की रिपोर्ट में भारत का स्कोर
वैश्विक भूख सूचकांक की रिपोर्ट 2024 में भारत का स्कोर 27.3 है । जो भुखमरी की एक गंभीर समस्या को दर्शाता है। इस रिपोर्ट में हाल ही वर्षो में भारत देश में कुपोषण के प्रसार में वृद्धि का उल्लेख किया है। हालांकि, भारत का 2024 का स्कोर उसके 2016 के GHI स्कोर 29.3 से थोड़ा सुधार दिखने को मिला है। 2016 में भी भारत 'गंभीर' श्रेणी में आता था। वहीं अभी भी भारत अपने पड़ोसी देशों से पीछे है।


GHI क्या है ?
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भूख को मापने और ट्रैक करने के लिए किया जाता है। जो समय के साथ ही भूख के कई आयामों को दर्शाता है। GHI का उद्देश्य भूख के खिलाफ़ संघर्ष के बारें में जागरूकता और समझ बढ़ाना है। देशों और क्षेत्रों के बीच भूख के स्तरों की तुलना करने का एक तरीका प्रदान करना और दुनिया के उन क्षेत्रों की ओर ध्यान आकर्षित करना है। जहाँ भूख का स्तर सबसे अधिक है वहां भूख को खत्म करने के लिए अतिरिक्त प्रयासों की सबसे अधिक आवश्यकता है।

गंभीर बीमारियां होने की संभावना
यदि भारत देश ने भुखमरी जैसी गंभीर समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया, तो यह एक बहुत बड़ी समस्या बन कर विकराल रूप धारण कर लेगी। वहीं भारत को अभी भी बाल कुपोषण जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें विश्व स्तर पर बच्चों में दुबलापन (18.7%) सबसे अधिक है। देश में बच्चों के बौनेपन की दर 35.5%, पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 2.9% और कुपोषण का प्रसार 13.7% है। हालांकि, भारत ने 2000 के बाद से अपनी बाल मृत्यु दर में उल्लेखनीय रूप से सुधार किया है। बाल कुपोषण एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है, जिसमें दुबलापन और बौनापन दोनों ही खतरनाक रूप से उच्च स्तर पर हैं।

 

 

 

-Edited by Renuka

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