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Shri Sanwaliya Seth: सांवलिया सेठ के भंडार से पहले ही दिन निकला 11 करोड़ रुपए का चढ़ावा, टूट सकता है रिकॉर्ड

Shri Sanwaliya Seth: सांवलिया सेठ के भंडार से पहले ही दिन निकला 11 करोड़ रुपए का चढ़ावा, टूट सकता है रिकॉर्ड

Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़ के मंडफिया स्थित मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्णधाम सांवलियाजी मंदिर में भगवान श्री सांवलिया सेठ के दो महीने बाद खुले भंडार से 11 करोड़ रुपए से अधिक की राशि की गिनती हुई है। फिलहाल प्रथम चरण की गणना हुई है। जिसमें ये राशी प्राप्त हुई है। अगले चरणों में भंडारे और कार्यलय में प्राप्त होने वाली राशि, सोना चांदी और मनी ऑर्डर की गणना की जाएगी, जिसमें कुल 35 से 40 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान जताया जा रहा है। इस बार भंडार से रिकॉर्ड राशि निकलने की संभावना हैं। क्योंकि इस बार दीवाली पर भी भंडार नहीं खोला गया। जबकि दीपावली पर्व के दौरान यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु मन्दिर दर्शन करने पहुंचे थे, जिसके चलते यहां चढ़ावे से दानपात्र भी भर गया और अतिरिक्त भंडार भी लगाने पड़े। ऐसे में माना जा रहा कि इस बार पुराना रिकॉर्ड भी टूट सकता हैं. दरअसल, श्री सांवलिया सेठ मंदिर (Sanwaliya Seth Temple) का भण्डार कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को खोला जाता हैं।

 

इस बार पहले चरण में सबसे अधिक राशि की हुई गिनती
कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के अवसर पर ठाकुरजी के दो दिवसीय मासिक मेले के पहले दिन आज ठाकुरजी की राजभोग आरती के बाद भंडार खोला गया है। बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ जब सांवलिया सेठजी के दोनों बड़े और छोटे दानपात्र भरने के बाद अलग से दान पात्र लगाने की आवश्यकता पड़ी। मन्दिर में राजभोग की आरती के बाद मंदिर मण्डल के अध्यक्ष, सीईओ समेत मन्दिर मण्डल के सदस्यों की मौजूदगी में भण्डार खोला गया। पहले चरण की गिनती में रिकॉर्ड तोड़ 11 करोड़ 34 लाख 75 हजार रुपए के नोट गिने गए। अब तक की भण्डार से निकली राशि में पहले चरण में सबसे अधिक राशि की गिनती इस बार की गई हैं। मन्दिर का भंडार खोलने के दौरान चित्तौड़गढ़ अतिरिक्त जिला कलेक्टर व मंदिर मंडल की मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रभा गौतम, मंदिर मंडल बोर्ड के अध्यक्ष भेरुलाल गुर्जर, बोर्ड सदस्य संजय कुमार मण्डोवरा, ममतेश शर्मा, अशोक कुमार शर्मा, शम्भू सुथार, श्रीलाल कुलमी, भेरुलाल सोनी, मंदिर मंडल प्रशासनिक अधिकारी (प्रथम) समेत कई लोग मौजूद रहे।

 

कड़ी सुरक्षा के बीच खोला जाता है मंदिर का दान पात्र
मन्दिर परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच दान पात्र खोला जाता हैं। जहां नोटों की गिनती की जाती हैं, वहां सीसीटीवी कैमरे समेत अन्य वीडियो कैमरों से भी निगरानी रखी जाती हैं। पहले चरण में 500-500 रुपए के नोटों की गिनती की गई। वही, भेंट कक्ष से चढ़ावे की राशि, सोना-चांदी और ऑनलाइन मिलने वाली दानराशि की गिनती होना बाकी हैं। हर बार यहां आने वाले चढ़ावे से पिछला माह की निकली दानराशि का रिकॉर्ड टूटता रहता हैं। पिछले महीने करीब 19 करोड़ की राशि निकली थी।

 

यह है इस मंदिर की खासियत
चित्तौड़गढ़ के मंडफिया स्थित श्री सांवलियाजी का मंदिर करीब 450 साल पुराना है। मेवाड़ राजपरिवार की ओर से इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था। मंडफिया मंदिर कृष्ण धाम के रूप में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। यह मंदिर चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन से 41 किमी एवं डबोक एयरपोर्ट-उदयपुर से 65 किमी की दूरी पर स्थित है। सांवलिया जी का संबंध मीरा बाई से बताया जाता है। मान्यता के अनुसार मंदिर में स्थित सांवलिया जी मीरा बाई के वही गिरधर गोपाल है जिनकी वह पूजा किया करती थी।

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