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Maharashtra News : बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में चेतन पाटिल को दी जमानत

Maharashtra News : बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में चेतन पाटिल को दी जमानत

Maharashtra : बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने अगस्त में राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने के मामले में गिरफ्तार सलाहकार चेतन पाटिल को जमानत दे दी । चेतन पाटिल जो कि प्रतिमा निर्माण के सलाहकार थे, को अगस्त महीने में मालवण स्थित राजकोट किले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के बाद गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद काफी हंगामा मच गया था।


बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने गुरुवार को सलाहकार चेतन पाटिल (Chetan Patil) को जमानत दे दी, जिन्हें अगस्त में मालवन के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग जिले में मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची मूर्ति गिर गई थी, जिसे लगभग नौ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिवस के मौके पर अनावरण किया था। वहीं इस मामले में न्यायमूर्ति ए. एस. किलोर की एकल पीठ ने कहा कि पाटिल को आरोपी बनाने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि वह प्रतिमा के संरचनात्मक डिजाइनर नहीं थे।


चेतन पाटिल को मिली जमानत
न्यायमूर्ति एएस किल्लोर की एकल पीठ ने गुरुवार को कहा कि- चेतन पाटिल इस मामले में शामिल नहीं हैं, क्योंकि उन्हें मूर्ति का संरचनात्मक डिजाइनर नहीं नियुक्त किया गया था। उन्होंने केवल मूर्ति के आधार की संरचनात्मक स्थिरता पर रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जो मूर्ति गिरने के बाद भी सही स्थिति में थी। अदालत ने यह भी बताया कि 25 नवंबर को अन्य आरोपी जयदीप आप्टे की जमानत याचिका पर सुनवाई की जाएगी। जयदीप आप्टे मूर्तिकार और ठेकेदार थे। साथ ही पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि- चेतन पाटिल ने केवल प्रतिमा के आधार की संरचनात्मक स्थिरता पर रिपोर्ट पेश की थी, और प्रतिमा गिरने के बावजूद आधार की स्थिति बरकरार थी। इस मामले में एक अन्य आरोपी, मूर्तिकार और ठेकेदार जयदीप आप्टे को भी गिरफ्तार किया गया था।


क्या था मामला
बता दें कि सिंधुदुर्ग जिले के मलवान में स्थित 35 फीट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई थी, जो एक बड़ा मुद्दा बन गया। यह मामला इसलिए और भी संवेदनशील हो गया क्योंकि प्रतिमा के गिरने से लगभग नौ महीने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिवस के मौके पर इसका अनावरण किया था। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान इस घटना ने आरोप-प्रत्यारोप का एक सिलसिला शुरू कर दिया। विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ महायुति, भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर हमला बोला। इस घटना के बाद सिंधुदुर्ग पुलिस ने प्रतिमा ढहने के मामले में जयदीप आप्टे और चेतन पाटिल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत लापरवाही और अन्य अपराधों के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी।

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