देश के आखिरी सती कांड के सभी आरोपी बरी, राजस्थान के बड़े भाजपा नेता का भी आ चुका है नाम
- Chhavi
- October 9, 2024
Roop Kanwar Sati Case: जैसे-जैसे शिक्षा के स्तर में बढ़ौतरी हुई है वैसे-वैसे सति प्रथा जैसी कुप्रथा लुप्त हुई है।राजस्थान के सीकर जिले में रूप कंवर की मौत को देश के आखिरी सती कांड के रूप में जाना जाता है. 4 सितंबर 1987 को 18 साल की उम्र में रूप कंवर ने अपने पति के साथ खुद को जला लिया था. यह मामला देश के आखिरी सती कांड के रूप में भी जाना जाता है। अब इसी मामले पर बुधवार को कोर्ट का फैसला आया. 37 साल पुराने दिवराला सती प्रकरण में बुधवार को जयपुर की एक विशेष अदालत ने 8 आरोपियों को दोष मुक्त करार दिया.
सती प्रथा को महिमामंडित करने का था आरोप
विशिष्ट न्यायालय सती निवारण जयपुर द्वितीय ने यह फैसला सुनाया. आरोपियों की ओर से एडवोकेट अमनचैन सिंह शेखावत ने पैरवी की थी. इस मामले में कोर्ट ने महेंद्र सिंह, दशरथ सिंह, श्रवण सिंह सहित 8 आरोपियों को बरी कर दिया है. रूप कंवर की मौत को सती प्रथा के रूप में महिमामंडित किया गया था.
घटनास्थल पर ईंट रखकर चुनरी चढ़ाने लगे थे लोग
दरअसल रूप कंवर के पति का नाम मालसिंह था। रूप कंवर ने जब सती प्रथा के कारण अपनी जान गंवाई उस समय उनकी उम्र सिर्फ 18 साल ही थी। कम उम्र में रूप कंवर ने पति मालसिंह शेखावत की चिता पर लेटकर खुद को जला लिया था. उनकी शादी को तब केवल 7 महीने ही हुए थे.जानकारी के अनुसार जयपुर की रहने वाली 18 साल की रूप कंवर की शादी सीकर जिले के श्रीमाधोपुर के दिवराला गांव के रहने वाले माल सिंह शेखावत से हुई थी. उनके पति माल सिंह की बीमारी से मौत हो गई. 4 सितंबर 1987 को रूप कंवर ने अपने पति मानसिंह शेखावत की चिता पर जला लिया था. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने घटनास्थल पर ईंट रखकर चुनरी चढ़ाने जैसी धार्मिक क्रियाएं शुरू कर दी थी। जिसकी वजह से ये रूप कंवर को सती के रूप में महिमामंडित करती हैं.
राजेन्द्र राठौड़ भी हो चुके है इस मामले से बरी
स्थानीय पुलिस ने रूप कंवर के इस कदम को महिमामंडित करने वाले लोगों पर मुकदमा कर दिया. इस मामले में अब तक 11 लोग बरी हो चुके हैं जिनमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की कैबिनेट में रहे बीजेपी नेता राजेंद्र राठौर का नाम भी शामिल है. बरी हो चुके लोगों के खिलाफ सबूत नहीं मिले. अब जिन 8 लोगों को बरी किया गया है वो सब स्थानीय हैं. जयपुर की रहने वाली थी रूप कंवर
रूप की मौत मामले में 32 लोग हुए थे गिरफ्तार इस घटना को सती प्रथा के रूप में महिमामंडित किया गया. घटना के बाद सरकार ने मामले में 32 लोगों को गिरफ्तार भी किया था. हालांकि रूप कंवर की मौत के समय गिरफ्तार किए गए सभी 32 आरोपियों को सीकर कोर्ट में अक्टूबर 1996 में ही बरी कर दिया. सुनवाई के दौरान छह आरोपियों की मौत हो गई और 6 आरोपी फरार घोषित किए गए. इसके बाद एक आरोपी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. अब 37 साल पुराने दिवराल सती महिमा मंडन प्रकरण में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आठ आरोपियों को दोष मुक्त करार दिया है.
सती प्रथा का यह आखिरी मामला था
ब्रिटिश काल में सती प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के बाद देश में सती प्रथा का यह आखिरी मामला था. विशिष्ट न्यायालय सती निवारण जयपुर की ओर से सुनाए गए फैसले के बाद एक बार फिर यह मामला चर्चा में आ गया. आरोपियों की ओर से एडवोकेट अमन चैन सिंह शेखावत ने कोर्ट में पैरवी की.
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