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Cheetah Corridor बनाने की कवायद शुरू, राजस्थान में दौड़ेगी चीता फैमिली

Cheetah Corridor बनाने की कवायद शुरू, राजस्थान में दौड़ेगी चीता फैमिली

 

देश का सबसे बड़ा चीता कॉरीडोर बनने जा रहा है। तीन राज्यों को मिलाकर बनने वाले इस कॉरिडॉर में मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश शामिल हैं। इन तीनों राज्यों के 22 जिलों का लगभग 1500 से 2000 किलोमीटर का क्षेत्र इस कॉरिडोर में शामिल होगा।

 

चीता कॉरिडोर बनाकर राजस्थान में मध्यप्रदेश के चीतों को बसाने की कवायद तेज कर दी गई है। इसके लिए तीन राज्य जिसमें मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश  शामिल है। उन्हें मिलाकर देश का यह सबसे बड़ा चीता कॉरिडोर बनाएंगे। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी द्वारा प्रस्तावित परियोजना कार्य में हाल ही में एक खुलासा किया गया है।  1500 से 2000 किलोमीटर तक के इस कॉरिडोर से तीनों राज्यों के 22 जिले जुड़ेंगे। यह चीता कॉरिडोर मध्य प्रदेश के कोनों से शिवपुरी से होकर राजस्थान के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व से होते हुए मंदसौर के गांधी सागर सेंचुरी तक फैला होगा। राजस्थान में चीता कॉरिडोर बनाने की कवायद शुरू कर दी है. धौलपुर से रावतभाटा तक 400 किलोमीटर के वन क्षेत्र में चीता कॉरिडोर (Cheetah Corridor) बनाने की घोषणा इस साल के बजट भाषण में भी की गई थी। हालांकि अभी राजस्थान और मध्यप्रदेश में समझौता होगा या नहीं इसके लिए पूरी प्रक्रिया की जाएगी।  इसके लिए रणथंभौर में राजस्थान और मध्य प्रदेश के वन विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक बुलाई गई है.  बैठक के अंतर्गत चीतों के संरक्षण को लेकर चर्चा की जाएगी. उसी के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।

 

 

बैठक में राजस्थान-एमपी के अधिकारी होंगे शामिल

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार दोनों राज्यों के अधिकारियों के बैठक आयोजित की जा रही है। इसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।  मध्य प्रदेश सरकार से वार्ता कर चीता लैंडस्केप परियोजना को अमली जामा पहनाने की कवायद की जा रही है.

 

चीतों का मूवमेंट कैमरे में कैद

जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार पूर्व में ही धौलपुर जिले को सेंचुरी एरिया घोषित कर चुकी है. धौलपुर जिले के डांग क्षेत्र में एक मादा और तीन शावकों का मूवमेंट पहले कैमरे में कैद हो चुका है। मौजूदा समय में भी 4-5 चीतों का मूवमेंट बना हुआ है । इसी के साथ इस क्षेत्र में पैंथरों की संख्या 10 से ज्यादा बताई गई है। वहीं 10 भालू समेत जरख, लक्कड़भग्गे, सियार, लोमड़ी अजगर आदि वन्य जीव जिले के डांग क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं. टाइगर, पैंथर और अन्य वन्य जीवों का मूवमेंट आए दिन धौलपुर से लेकर करौली तक के डांग क्षेत्र में बना रहता है. चीता लैंडस्केप बनने से राजस्थान के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही वन्यजीवों की संख्या में इजाफा होगा।

 

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