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राजस्थान भाजपा में वसुंधरा युग Coming Soon

राजस्थान भाजपा में वसुंधरा युग Coming Soon

राजस्थान भाजपा की सियासत (Rajasthan BJP Politics) के लिहाज से आने वाले दिन काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाले हैं। राजस्थान की सियासत का बड़ा चेहरा वसुंधरा राजे जल्द ही पावरफुल कमबैक कर सकती हैं। जेपी नड्डा की मोदी कैबिनेट में बतौर स्वास्थ्य मंत्री फिर से एंट्री होने के बाद से ही भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद खाली चल रहा है। हालांकि पार्टी को अगला अध्यक्ष मिलने तक नड्डा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने हुए हैं। लेकिन कयास लग रहे हैं कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। इधर पार्टी के अगले अध्यक्ष को लेकर भी अभी से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

 

सबसे वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं वसुंधरा राजे, अध्यक्ष की होड़ में सबसे आगे
सूत्रों की मानें तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में राजस्थान की 2 बार की मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे से लेकर मध्यप्रदेश के लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे और अब केंद्र में मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा पार्टी संगठन के वरिष्ठ नेता राम माधव का नाम भी काफी आगे माना जा रहा है। वहीं यूपी बीजेपी के कभी चाणक्य कहे जाने वाले सुनील बंसल का नाम भी तेजी से आगे आ रहा है। भले ही सुनील बंसल राजस्थान से आते हों, लेकिन एक बेहतरीन संगठनकर्ता के तौर पर उन्हें यूपी में पहचान मिली। उधर वसुंधरा राजे अभी पार्टी की सबसे वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। ऐसे में उन्हें पार्टी अध्यक्ष बना सकती है। यदि ऐसा होता है तो भाजपा के इतिहास में वे पहली महिला अध्यक्ष होंगी। वहीं 2026 तक मोदी सरकार को संसद में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण भी लागू करना है। ऐसे में वसुंधरा राजे को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर पार्टी उससे पहले ही बड़ा दांव खेल सकती है।

 

हमेशा चौंकाने वाले फैसले लेती रही है भाजपा
सूत्रों की मानें तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए पीएम मोदी के गुट से शिवराज सिंह चौहान और सुनील बंसल दावेदार बताए जा रहे हैं, वहीं राम माधव और वसुंधरा राजे दोनों संघ की ओर से दावेदार हैं। राम माधव लंबे समय से पार्टी संगठन में सक्रिय हैं। वहीं 2014 में जम्मू-कश्मीर में भाजपा और पीडीपी की गठबंधन वाली सरकार बनवाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। यही वजह है कि मौजूदा जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (J&K Assembly Election 2024) में भी पार्टी ने उन्हें चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। वहीं अबकी बार भाजपा अगर फिर से जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने में कामयाब रहती है, तो इसके इनाम के तौर पर राम माधव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। वैसे भी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष ही नहीं, मुख्यमंत्री के चेहरों को लेकर भी हमेशा से चौंकाने वाले फैसले लेती रही है। ऐसे में दावा किया जा रहा है कि इस बार भी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर फैसला सभी को चौंकाने वाला होगा।

 

दिल्ली शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच रही राजस्थान के मंत्रियों की शिकायतें
उधर राजस्थान की बात करें तो यहां डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा से लेकर भजनलाल कैबिनेट (CM BHajan Lal Sharma Cabinate) के कई मंत्रियों की शिकायतें दिल्ली शीर्ष नेतृत्व तक भी पहुंच रही हैं। इसे लेकर भी पार्टी आलाकमान खासा आक्रोशित है। चर्चाएं तो यह भी हैं कि वसुंधरा राजे भी पिछले कुछ समय में अलग-अलग बयानों के जरिए इशारों-इशारों में अपनी नाराजगी जता चुकी हैं। ऐसे में यह भी कयास लग रहे हैं कि अगर किसी वजह से वसुंधरा राजे भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं भी बन पाती हैं, तो इसके बाद वे राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की दावेदार होंगी। यानि आने वाले समय में वसुंधरा राजे का कद बढ़ना तय है।

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