
तिरुपति बालाजी मंदिर: टोकन से लेकर VVIP दर्शन तक जानें सारी व्यवस्थाऐं
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Anjali
- January 9, 2025
आंध्र प्रदेश के तिरुपति में बुधवार को वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट केंद्र के पास भगदड़ मचने से 6 लोगों की मौत जो गई, जबकि कई और लोग घायल हो गए। भीड़ को देखते हुए एडवांस में मंदिर में आठ जगहों पर 94 काउंटर बनाकर टोकन बांटे जा रहे थे। बता दें कि तिरुपति बालाजी मंदिर को श्री वेंकटेश्वर मंदिर भी कहा जाता है। यह भारत के सबसे प्राचीन हिंदू मंदिरों में से एक है। आंध्र प्रदेश में तिरुपति शहर के पास यह मंदरि तिरुमला की सातवीं पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर का इतिहास काफी वैभवशाली है। मान्यता है कि इसका निर्माण खुद भगवान ब्रह्मा ने कराया था। बाद में समय-समय पर कई राजाओं, भक्तों और संतों ने इसका जीर्णोद्धार कराया। यह मंदिर दान और चढ़ावे के लिए भी जाना जाता है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं।
10 से 19 जनवरी तक वैकुंठ द्वार दर्शनम
तिरुमाला मंदिर का प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के हाथों में है। यह एक स्वायत्त संस्था है। मंदिर ही नहीं, इसके आसपास के क्षेत्र के प्रशासन और रखरखाव का जिम्मा भी टीटीडी के पास है। टीटीडी की ओर से यहां वैकुंठ एकादशी पर वैकुंठ द्वार दर्शनम का आयोजन 10 जनवरी से किया जा रहा है। यह दर्शन 19 जनवरी तक चलेगा। इसके लिए खास टोकन सिस्टम की व्यवस्था की गई है, क्योंकि इस दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। भीड़ को देखते हुए एडवांस में मंदिर में आठ स्थानों पर 94 काउंटरों के जरिए ही वैकुंठ द्वार के दर्शन किए जा सकते हैं।

आम दिनों में भी दर्शन के लिए उमड़ती है भारी भीड़
वैसे आम दिनों में तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन के सुबह तीन बजे ही द्वार खुल जाते हैं। दोपहर डेढ़ बजे तक यहां दर्शन होते हैं। इसके बाद एक घंटे के लिए मंदिर के द्वार बंद होते हैं। दोपहर ढाई बजे फिर द्वार खुल जाते हैं और रात साढ़े नौ बजे तक भक्तों के लिए खुले रहते हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर केवल कुछ ही मौकों पर भक्तों के लिए बंद होता है। आमतौर पर मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। टीटीडी की वेबसाइट पर बताया गया है कि आम दिनों में भी यहां 60 से 80 हजार भक्त दर्शन के लिए रोज आते। वैसे तो सर्व दर्शन के लिए रोज 18 घंटे तय हैं पर पीक डेज में यह 20 घंटे तक हो सकते हैं। सप्ताह के अलग-अलग दिनों में सर्वदर्शन का समय अलग-अलग हो सकता है।

कब कर सकते हैं VVIP दर्शन?
मंदिर में वीवीआईपी दर्शन के लिए नियमित दर्शन के समय के बीच व्यवस्था की जाती है जो सुबह 6 से 7 बजे के बीच, सुबह 9 से 10 बजे के बीच और शाम को 5:30 से 6:30 बजे के बीच हो सकता है। इसके लिए श्रद्धालुओं को तिरुमला तिरुपति देवस्थानम को विशेष दान राशि चुकानी होती है। यह रकम मीडिया रिपोर्ट्स में 500 से 10,000 रुपए प्रति व्यक्ति तक बताई गई है।

मंदिर में कुल कितने द्वार
तिरुमाला श्री वेंकटश्वर मंदिर में कई प्रवेश द्वार हैं। इनके अनोखे नाम और मान्यताएं हैं। महाद्वारम या मुख्य द्वार मंदिर कॉम्प्लेक्स के पूर्व में स्थित है। इसे अन्नमाचार्य प्रवेश के नाम से भी जाना जाता है। बंगारू वाकिलि या गोल्डन इंट्रेंस मंदिर के दक्षिण में स्थित है। इसे स्वामी पुष्करिणी द्वार के नाम से भी जाना जाता है जो पवित्र जलाशय स्वामी पुष्करिणी की ओर जाता है। वैकुंठ द्वारम मंदिर के उत्तर में स्थित है और इसे वैकुंठ यानी स्वर्ग का द्वार माना जाता है। इस द्वार को केवल खास अवसरों पर खोला जाता है। नदीमीपधामु मंदिर के उत्तर पश्चिम में स्थित है और मान्यता है कि इसका नामकरण भगवान वेंकटेश्वर के छोड़े पदचिह्नों पर किया गया है। सर्व दर्शन द्वार मंदिर के पश्चिम में स्थित है, जिसका इस्तेमाल श्रद्धालु सामान्य दर्शनों के लिए करते हैं। सुपदम या वीआई इंट्रेंस मंदिर के उत्तर पश्चिम में स्थित है, जिसका इस्तेमाल वीआईपी, दानदाता और विशेष अतिथि करते हैं। अनि मुतंगी सेवा प्रवेश द्वार मंदिर के उत्तर पूर्व में स्थित है, जिसका इस्तेमाल ऐसे श्रद्धालु करते हैं, जो खास पूजा के लिए अनि मुतंगी सेवा टिकट खरीदते हैं।

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