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भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ उबाल, पीएम ओली ने दिया इस्तीफा

भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ उबाल, पीएम ओली ने दिया इस्तीफा

नेपाल पीएम ओली इस्तीफा: सोशल मीडिया बैन से शुरू हुआ गुस्सा

नेपाल में हालात लगातार बिगड़ते चले गए और आखिरकार नेपाल पीएम ओली इस्तीफा देना पड़ा। शुरुआत सोशल मीडिया पर बैन से हुई थी, जिसने युवाओं खासकर Gen Z को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर किया। सरकार ने करीब 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रोक लगा दी थी, जिसके खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। धीरे-धीरे ये गुस्सा सिर्फ नेपाल सोशल मीडिया बैन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और असमानता के खिलाफ एक बड़े आंदोलन में बदल गया। राजधानी काठमांडू में हुए हिंसक प्रदर्शनों में 19 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा घायल हो गए। इस बीच गृह मंत्री रेशम लेखक ने इस्तीफा दिया, लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सिर्फ गृह मंत्री नहीं, प्रधानमंत्री को भी जवाबदेह होना चाहिए। इसी दबाव में आखिरकार मंगलवार को नेपाल पीएम ओली इस्तीफा देने को मजबूर हो गए।

 

भ्रष्टाचार विरोध प्रदर्शन और जनता की नाराज़गी

नेपाल में प्रदर्शन सिर्फ नेपाल सोशल मीडिया बैन के खिलाफ नहीं थे, बल्कि लंबे समय से चली आ रही भ्रष्टाचार और बेरोजगारी की समस्याओं के खिलाफ भी थे। जनता का मानना था कि ओली सरकार उनकी आवाज़ नहीं सुन रही और युवाओं को नज़रअंदाज़ कर रही है। अखबारों ने भी पीएम ओली को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया और इस्तीफे की मांग की। हालात तब और बिगड़ गए जब गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री के निजी आवासों में आग लगा दी। यहां तक कि ओली के पैतृक घर दामक में भी प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। सेना प्रमुख ने भी हालात काबू में करने के लिए ओली से पद छोड़ने की सलाह दी। अंत में, भारी दबाव और जनता के गुस्से के बीच नेपाल भ्रष्टाचार विरोध प्रदर्शन ने सरकार की नींव हिला दी और पीएम ओली ने दिया इस्तीफा। इस तरह नेपाल सोशल मीडिया बैन, भ्रष्टाचार और जनता की नाराज़गी ने मिलकर एक बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया।

 


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