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ट्रंप के ऐलान के बाद भी नहीं रुका हमला, इज़रायल में 3 की मौत

ट्रंप के ऐलान के बाद भी नहीं रुका हमला, इज़रायल में 3 की मौत

सीज़फायर के बाद भी ईरान का मिसाइल हमला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जैसे ही इज़रायल और ईरान के बीच 12 दिन पुरानी जंग को रोकने का ऐलान किया, कुछ घंटों बाद ही ईरान ने इज़रायल पर एक के बाद एक 6 मिसाइल हमले कर दिए। इज़रायली सेना ने बताया कि ये हमले देर रात तेल अवीव और बेर्शेबा जैसे इलाकों में हुए, जहां तीन लोगों की मौत हो गई। ये हमला उस समय हुआ जब दुनिया मान रही थी कि जंग अब थम जाएगी। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा कि "अगर सब ठीक रहा तो ये 12 दिन की जंग खत्म मानी जाएगी।" लेकिन ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरक़ची ने कहा कि जब तक इज़रायल अपना हमला नहीं रोकता, तब तक ईरान भी पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि 4 बजे सुबह तक अगर इज़रायल ने कार्रवाई नहीं रोकी, तो जवाबी हमला जारी रहेगा।

 

अमेरिका, कतर और राजनयिक बातचीत का असर

ट्रंप प्रशासन ने दावा किया है कि उन्होंने इज़रायल और ईरान के नेताओं से बात कर सीज़फायर तय कराया। कतर के प्रधानमंत्री ने भी ईरान से सीधी बातचीत की और युद्धविराम पर सहमति बनवाई। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अन्य अधिकारी भी लगातार बातचीत में लगे थे। हालांकि, ईरान की ओर से अभी यह साफ नहीं है कि वे जंग को पूरी तरह खत्म मानते हैं या नहीं। इस बीच इज़रायल ने तेहरान में रहने वालों को दो बार अलर्ट जारी किया और ग़ोलान हाइट्स इलाके में भी खतरे की घंटी बजी। इससे साफ है कि ज़मीनी स्तर पर अभी भी हालात सामान्य नहीं हैं।

 

न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला और दुनिया की चिंता

अमेरिका और इज़रायल ने बीते वीकेंड पर ईरान के भूमिगत न्यूक्लियर ठिकानों पर बड़े हमले किए थे। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि उनका मकसद केवल ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को नष्ट करना था, ना कि युद्ध फैलाना। अमेरिकी उपराष्ट्रपति वांस ने दावा किया कि अब ईरान परमाणु बम बनाने की स्थिति में नहीं है क्योंकि उसका ज़रूरी उपकरण नष्ट हो गया है। हालांकि, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि ईरान फिलहाल परमाणु हथियार नहीं बना रहा था। इस बीच ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि ईरान की मौजूदा धार्मिक सरकार को हटाना उनका मकसद हो सकता है। इज़रायल के हमले तेहरान की कुख्यात एविन जेल तक पहुंचे, जिससे साफ है कि वे सिर्फ मिसाइल ठिकानों पर नहीं, बल्कि शासन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। यह युद्ध विराम कितना स्थायी होगा, यह आने वाले कुछ घंटों में साफ हो जाएगा। लेकिन इतना तय है कि पश्चिम एशिया एक बार फिर विस्फोटक मोड़ पर खड़ा है।

 

 

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