
वोटर लिस्ट पर ओवैसी का सवाल – "2024 की सूची का आधार क्यों नहीं तैयार?
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Manjushree
- July 7, 2025
बिहार विधानसभा 2025 को लेकर मतदाताओं की सूचि को लेकर बवाल मचा हुआ है। विपक्षी दल इलेक्शन से पहले चुनाव आयोग (EC) की तरफ से मतदाताओं की लिस्ट को अपडेट करने के फैसले को गलत ठहरा रहे हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है। बिहार विधानसभा 2025 इस मामले पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात करने पहुंचे थे। जहां से बैठक करने के बाद उन्होंने मतदाताओं की सूचि पर चिंता जताई।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन(S.I.R) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कहा, "हम अपनी पार्टी में बैठकर चर्चा करेंगे और इस पर फैसला लेंगे। हम सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि इतने कम समय में आप S.I.R. कैसे कर पाएंगे, आप उन लोगों का जन्म प्रमाण पत्र क्यों मांग रहे हैं जिन्होंने अपना पता बदल लिया है, जो अब कहीं और चले गए हैं। बिहार में कुछ नहीं हुआ, रोजगार नहीं है, इसलिए वे लोग मजबूरी में बाहर गए।
AIMIM ओवैसी ने कहा कि हमने ये सारी समस्याएं चुनाव आयोग के सामने रखी हैं। अगर जल्दबाजी में 15-20% लोगों के भी नाम छूट गए तो ये नागरिकता का मामला बन जाएगा। इसलिए हम कहते हैं कि हम स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (S.I.R.) के खिलाफ नहीं हैं लेकिन समय तो दीजिए। "
AIMIM चीफ बयान में आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर हम अपनी पार्टी में बैठकर बात करेंगे आगे फैसला लेंगे, लेकिन हमारी आपत्ति यही है कि इतना कम वक्त क्यों दिया गया. इसके अलावा अख्तरुल ईमान ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं, जो की माइग्रेंट लेबर है जिनके पास में अपने दस्तावेज नहीं है. जल्दबाजी में 20 प्रतिशत भी नाम रह गया।
भारत सरकार के पूर्व सचिव विजय शंकर पाण्डेय का मतदाता सूची को लेकर कहना है कि हो सकता है कि कुछ लोगों को दस्तावेज मिलने में परेशानी आए। इसके लिए संबंधित ईआरओ का अंतिम फैसला मान्य होगा। ईआरओ से पहले वोटर लिस्ट से किसी का नाम नहीं काटा जा सकता। इसमें तस्वीर साफ होने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा, कम से कम वोटर लिस्ट का ड्रॉफ्ट पब्लिकेशन होने तक। आयोग को वोटर लिस्ट बनाते वक्त वैध नागरिकों का ही वोटर कार्ड बनाने का अधिकार है।
इस मामले में चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 2002-03 के बाद से अब तक बिहार की वोटर लिस्ट का एसआईआर क्यों नहीं हुआ, यह तो हम नहीं बता सकते। इसकी जानकारी तो रिटायर हो चुके पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ही दे सकते हैं, लेकिन आयोग ने अभी जो कदम उठाया है, वह संविधान और नियमों के मुताबिक ही उठाया है।
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