
New Year Celebration : भारत में एक जनवरी को ही नहीं 5 बार मनाया जाता है नया साल, जानिए कौन-कौनसी हैं वो तारीखें
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Neha
- December 24, 2024
New Year Celebration : दिसंबर का महीना बस खत्म ही होने वाला है और सभी लोग साल 2024 को विदाई देने और नए साल 2025 का जोरदार तरीके से स्वागत (New Year Celebration) करने की तैयारियों की प्लानिंग में जुटे हुए हैं। आपने भी न्यू ईयर सेलिब्रेट (Happy New Year) करने के लिए अपने प्लान्स बना लिए होंगे और आप भी न्यू ईयर सेलिब्रेट (New Year Celebration Plan) करने के लिए काफी ज्यादा एक्साइटेड होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत एक ऐसा देश है जहां न्यू ईयर एक बार नहीं, बल्कि 5 बार सेलिब्रेट किया जाता है। आपको ये जानकर थोड़ा झटका तो लग सकता है और हो सकता है कि आपको लगे कि आपने शायद कुछ गलत पढ़ लिया हो। लेकिन हम एक बार फिर दोहरा दें कि भारत में नया साल सिर्फ 1 जनवरी को ही नहीं, बल्कि साल में पूरे 5 बार सेलिब्रेट किया जाता है। जब आप ये पढ़ रहे हैं तो आप ये भी जानना चाहेंगे कि 1 जनवरी तो सभी जानते हैं कि इस दिन पूरी दुनिया में न्यू ईयर सेलिब्रेट (New Year 2025) किया जाता है। फिर ये 4 दिन ऐसे कौनसे हैं जब न्यू ईयर सेलिब्रेट किया जाता है, तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये कब होता है।
दुनिया के ज्यादातर देशों में 1 जनवरी को मनाया जाता है नया साल
चलिए सबसे पहले बात करते हैं आपके फेवरेट न्यू ईयर सेलिब्रेशन की, जो कि 1 जनवरी को मनाया जाता है और इस दिन दुनिया के ज्यादातर देशों में न्यू ईयर सेलिब्रेट किया जाता है। ये न्यू ईयर उन देशों में मनाया जाता है जहां ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाया गया है। इस कैलेंडर के हिसाब से नया साल 1 जनवरी के दिन से शुरू होता है। भारत भी ऐसे ही देशों में से एक है। यही वजह है कि भारत के ज्यादातर हिस्सों में लोग 1 जनवरी को नए साल का स्वागत करते हैं। इसके अलावा इसे ईसाई नववर्ष भी कहते हैं। इस कैलेंडर की शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 से हुई थी। माना जाता है कि जूलियस सीजर ने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जूलियन कैलेंडर बनाया। तभी से ईसाई न्यू ईयर मनाए जाने की परंपरा रही है।

चैत्र माह से शुरू होता है हिंदू नववर्ष
इसके बाद बात करेंगे हिंदू नववर्ष (Hindu Nav Varsh) की। भारत में विक्रम संवत के आधार पर हिंदू समुदाय (Hindu Community) अपने त्यौहार मनाते हैं। इस कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास (Chaitra Month) से नए साल की शुरुआत मानी जाती है। इसीलि नया साल चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। इसी दिन से नए संवत्सर की शुरूआत भी होती है। माना जाता है कि सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन से सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी। वहीं महाराष्ट्र में इस दिन को गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के रूप में मनाया जाता है। वहीं कुछ हिस्सों में इस दिन उगादी पर्व मनाया जाता है।
पंजाब में वैशाखी की रहती है धूम, नए साल का मनाया जाता है जश्न
पंजाब में नया साल वैशाखी (Vaishakhi) पर्व के रूप में मनाया जाता है। वैशाखी का ये त्योहार मार्च या अप्रैल के महीने में मनाया जाता है। इस दौरान तमाम गुरुद्वारों में मेलों का आयोजन किया जाता है।

जैन समुदाय के लिए बेहद खास होती है दिवाली
दीपावली के अगले दिन से जैन समुदाय के लोग अपना नववर्ष मनाते हैं। इसे वीर निर्वाण संवत भी कहा जाता है। इसी दिन से जैन समुदाय के अनुयायी अपना नया साल मनाते हैं।
पारसी समुदाय 19 अगस्त को मनाता है नया साल
भारत में क्योंकि कई समुदाय एकसाथ मिल-जुलकर रहते हैं, ऐसे में हर समुदाय अपनी परंपरा के अनुसार नया वर्ष मनाता है। पारसी समुदाय अपना नववर्ष नवरोज उत्सव के रूप में मनाता है। आमतौर पर 19 अगस्त को हर साल नवरोज का उत्सव मनाया जाता है। माना जाता है कि 3 हजार साल पहले शाह जमशेदजी ने नवरोज (Navroz) मनाने की शुरुआत की थी।

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