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दो दिन बाद केरल की निमिषा प्रिया को फांसी, क्या अब भी बच सकती है भारतीय नर्स की जान?

दो दिन बाद केरल की निमिषा प्रिया को फांसी, क्या अब भी बच सकती है भारतीय नर्स की जान?

यमन (Yemen) की राजधानी सना के जेल में, 38 वर्षीय भारतीय नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) अब अपने मौत के दिन गिन रही है। यमन देश निमिषा प्रिया के गले में जल्द फांसी का फंदा डालने को तैयार है। यमन में मौत की सजा का इंतजार कर रहीं केरल की नर्स निमिषा प्रिया को बचाने की हर कोशिश नाकाम होती दिख रही है।


सूत्रों के जानकारी के अनुसार, निमिषा प्रिया फांसी को लेकर केरल सीएम पिनराई विजयन (CM Pinarayi Vijayan) ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर निमिषा की जान बचाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। वहीं सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी कांग्रेस ने भी केंद्र से तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया है कि वह राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल करें ताकि नर्स निमिषा प्रिया को बचाया जा सके। 


जानकारी के मुताबिक, निमिषा ने फिर यमन के राष्ट्रपति से दया की अपील की, लेकिन उन्होंने उसे माफी देने से इनकार कर दिया. एक सूत्र ने कहा, ‘‘मृतक तलाल अब्दो मेहदी का परिवार हत्या के अपराध को माफ करने के बदले पैसा (ब्लड मनी) लेने को भी तैयार नहीं है। लेकिन निमिषा प्रिया के बचने के हर संभव कोशिश नाकाम दिख रही है। मौत की सज़ा से बचाने के लिए निमिषा के पलक्कड़ जिले में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेव निमिषा इंटरनेशनल एक्शन कमिटी के नाम से कैंपेन भी चलाया गया और कैंपेन की ओर से भारत सरकार से इस मामले में तत्काल दख़ल देने की अपील की गई।


बता दें, यमन देश का न्याय इस्लामी शरीया पर आधारित है, वहां “दिया” यानी 'ब्लड मनी' की व्यवस्था लागू है, अगर मृतक का परिवार तय रकम ले ले, तो फिर दोषी को फांसी नहीं दी जाती। खबरों के मुताबिक, निमिषा प्रिया के परिवार ने पीड़ित परिवार को 1 मिलियन डॉलर (₹8.6 करोड़) 'ब्लड मनी' के तौर पर देने की पेशकश भी की गई।

 

निमिषा प्रिया फांसी मामले में सोमवार यानी आज सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई की जिसमें केंद्र सरकार को भारतीय नर्स को बचाने के लिए डिप्लोमैटिक रास्तों के इस्तेमाल का निर्देश देने की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सभी संभावित कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं। केंद्र ने कोर्ट से कहा कि यमन से बात करने की एक तय सीमा है और उस सीमा से आगे बढ़कर कुछ नहीं किया जा सकता। सरकार ने बताया कि आज सुबह 10:30 बजे भी फांसी टालने को लेकर एक वार्ता हुई है लेकिन यमन फांसी की सजा टालने को लेकर तैयार नहीं है।


केरल की निमिषा प्रिया को क्यों मिली मौत की सजा


केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा प्रिया 2008 में नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए यमन गई थीं। 2011 में वह केरल लौटीं और टॉमी थॉमस से विवाह के बाद फिर यमन लौट गईं। इस बीच उनकी एक बेटी भी हुई, लेकिन 2014 में यमन में छिड़े गृहयुद्ध के चलते उनके पति और बेटी भारत लौट आए, जबकि निमिषा वहीं रहीं। 2015 में उन्होंने यमन के एक स्थानीय व्यवसायी तलाल अब्दो मेहदी के साथ मिलकर एक क्लिनिक शुरू किया। बाद में विवाद बढ़ा और जुलाई 2017 में निमिषा ने कथित रूप से मेहदी को सिडेटिव इंजेक्शन देकर बेहोश किया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद उन्होंने एक अन्य नर्स की मदद से शव के टुकड़े कर उसे पानी के टैंक में फेंक दिया। मामले का खुलासा होने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया और ट्रायल कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई। उन्होंने यमन के सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति से सजा माफ करने की अपील की, लेकिन दोनों ने इसे खारिज कर दिया। अब उनकी फांसी की तारीख तय हो चुकी है और जान बचाने की उम्मीदें बेहद कम रह गई हैं।

 

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