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भारतीय नौसेना का अगला प्लान: एक साथ 300 ब्रह्मोस मिसाइलें दागकर दुश्मनों को चौंकाने की तैयारी

भारतीय नौसेना का अगला प्लान: एक साथ 300 ब्रह्मोस मिसाइलें दागकर दुश्मनों को चौंकाने की तैयारी

भारतीय नौसेना अपनी ताकत और युद्धक क्षमता को लगातार बढ़ा रही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद नौसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल के इस्तेमाल और अपने युद्धपोतों के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया है। नेवी की योजना है कि 2030 तक इतनी क्षमता विकसित की जाए कि एक साथ 300 ब्रह्मोस मिसाइलें दागी जा सकें। यह क्षमता दुश्मनों के लिए एक बड़ा खतरा साबित होगी। ब्रह्मोस मिसाइल की सटीकता और प्रभावशीलता को देखते हुए, भारतीय नौसेना अब अपने नए युद्धपोतों में इसे शामिल कर रही है।

 

नीलगिरि और तलवार श्रेणी के नए युद्धपोत, जैसे उदयगिरि और हिमगिरि, ब्रह्मोस मिसाइल से लैस किए गए हैं। इन युद्धपोतों में एयर डिफेंस तोपें, बराक-8 लॉन्ग रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल और पनडुब्बी-रोधी रॉकेट लॉन्चर मौजूद हैं। इसके अलावा, इन जहाजों में रडार, सोनार और मल्टी फंक्शन डिजिटल सिस्टम भी लगे हैं, जो लंबी दूरी से हमलों का पता लगा सकते हैं और उन्हें रोक सकते हैं। 6,700 टन के इन फ्रिगेट्स की रफ़्तार 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे है। भारतीय नौसेना के इन नए युद्धपोतों से ब्रह्मोस मिसाइल क्षमता और भी बढ़ गई है, जिससे नौसेना की ताकत में महत्वपूर्ण इजाफा हुआ है।

 

वर्तमान में नौसेना के पास 14 गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट हैं। हर फ्रिगेट में आठ वर्टिकल लॉन्च ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल लॉन्चर लगे हैं। इसके अलावा, नौसेना के पास 13 डेस्ट्रॉयर्स भी हैं, जिनमें से प्रत्येक में ब्रह्मोस लॉन्चर लगाए गए हैं। नए डेस्ट्रॉयर्स में यह संख्या 16 है, जबकि पुराने जहाजों में आठ। आने वाले समय में भारतीय नौसेना के पास कुल 20 गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट होंगे, जिनमें 7 नीलगिरी क्लास, 3 शिवालिक क्लास और 10 तलवार क्लास शामिल हैं। इस पूरी व्यवस्था से भारतीय नौसेना की ताकत और ब्रह्मोस मिसाइल क्षमता दोनों में जबरदस्त वृद्धि हुई है।

 

प्रोजेक्ट 17A के तहत 7 नीलगिरी श्रेणी के गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट बनाए जा रहे हैं। इनमें से कुछ जहाज समुद्री परीक्षण में हैं और बाकी जल्द ही नौसेना में शामिल होंगे। इन जहाजों में 75 प्रतिशत उपकरण स्वदेशी हैं और डिज़ाइन भी भारत में किया गया है। इन युद्धपोतों में हेलीकॉप्टर के उतरने और रहने की पूरी सुविधा है। ब्रह्मोस मिसाइल के साथ ये जहाज दुश्मनों के लिए खतरनाक साबित होंगे और भारतीय नौसेना की ताकत को नई ऊँचाई पर ले जाएंगे।

 

भारतीय नौसेना ब्रह्मोस मिसाइल की शक्ति के दम पर दुश्मनों को चेतावनी दे रही है। इस मिसाइल ने पहले ही ऑपरेशन सिंदूर में अपनी प्रभावशीलता दिखाई है। नए युद्धपोतों में इसका इस्तेमाल न केवल आक्रमण में मदद करेगा, बल्कि नौसेना की सुरक्षा और रणनीतिक ताकत को भी बढ़ाएगा। ब्रह्मोस मिसाइल क्षमता के साथ, भारतीय नौसेना अब समुद्री सीमाओं पर पूरी तरह से मजबूत स्थिति में है।

 

भविष्य में भारतीय नौसेना के पास 7 नीलगिरी क्लास, 3 शिवालिक क्लास और 10 तलवार क्लास के आधुनिक फ्रिगेट होंगे। ये सभी युद्धपोत ब्रह्मोस मिसाइल से लैस होंगे और समुद्र में दुश्मनों के लिए खतरा बढ़ाएंगे। इन जहाजों में रडार, सोनार और डिजिटल सिस्टम की मदद से दुश्मनों की हर हरकत पर नजर रखी जा सकती है। भारतीय नौसेना की ताकत अब पहले से कहीं ज्यादा बढ़ चुकी है, और ब्रह्मोस मिसाइल क्षमता इसके केंद्र में है।

 

इस प्रकार, भारतीय नौसेना ब्रह्मोस मिसाइल के दम पर अपने नौसैनिक बल और सुरक्षा क्षमता में लगातार वृद्धि कर रही है। नए युद्धपोतों के शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत और ब्रह्मोस मिसाइल क्षमता दोनों में भारी इजाफा हुआ है। यह योजना 2030 तक पूरी होने के बाद भारत समुद्री क्षेत्र में अपनी सुरक्षा और प्रभुत्व के मामले में मजबूत स्थिति में होगा।

 

 

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