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भारत-चीन सीमा व्यापार जल्द शुरू हो सकते हैं, विदेश मंत्रालय का संकेत

भारत-चीन सीमा व्यापार जल्द शुरू हो सकते हैं, विदेश मंत्रालय का संकेत

भारत (India) और चीन (China) के बीच पांच साल से अधिक समय के बाद स्थानीय स्तर पर निर्मित वस्तुओं के सीमा व्यापार पुनः शुरू हो सकता है। भारत ने संकेत दिए हैं कि चीन के साथ तय तीन ट्रांजिट प्वाइंट से भारत-चीन सीमा व्यापार (India-China border trade) शुरू करने के लिए बातचीत चल रही है। भारत-चीन सीमा व्यापार 2020 में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के मद्देनजर दोनों देशों के बीच रोक दिया गया था।

 

एशियाई पड़ोसियों द्वारा लंबे समय से चले आ रहे तनाव को कम करने के लिए निरंतर प्रयास चल रहे हैं। भारत-चीन सीमा व्यापार को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने कहा कि उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा, हिमाचल प्रदेश में शिपकी ला दर्रा और सिक्किम में नाथू ला दर्रा के माध्यम से सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने की सुविधा के लिए भारत चीनी पक्ष के साथ संपर्क में हैं।


भारत-चीन संबंध सामान्य बनाने के लगातार सुधार की राह पर रिश्ते पिछले कुछ महीनों में भारत और चीन ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं। दोनों पक्षों ने साझा सीमा पर निर्दिष्ट बिंदुओं के माध्यम से व्यापार को पुनः आरंभ करने का प्रस्ताव दिया है, तथा यह मामला वर्तमान में द्विपक्षीय चर्चा के अधीन है, सूत्रों के अनुसार, द्विपक्षीय व्यापार को लेकर चर्चा अभी भी निजी है, तथा उन्होंने पहचान उजागर न करने का अनुरोध किया।

 

गुरुवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, ‘‘पिछले कुछ समय से, चीनी पक्ष दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें जल्द से जल्द बहाल करने के लिए भारत के साथ लगातार संपर्क में है। लिन ने कहा, “चीन मुख्य भूमि और भारत के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू होने से दोनों देशों के बीच यात्रा, आदान-प्रदान और सहयोग को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी क्योंकि दोनों देशों की संयुक्त जनसंख्या 2.8 अरब से अधिक है। बता दें कि कोविड-19 महामारी और पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद द्विपक्षीय तनाव के बाद हवाई उड़ाने को रोक दिया गया था।


भारत-चीन सीमा व्यापार करीब तीन दशकों से भी ज़्यादा समय से, भारत और चीन अपनी 3,488 किलोमीटर (2,167 मील) विवादित हिमालयी सीमा पर तीन निर्धारित बिंदुओं के ज़रिए जमीनी कारोबार स्थानीय रूप से उत्पादित वस्तुओं - जैसे मसाले, कालीन, लकड़ी का फ़र्नीचर, मवेशियों का चारा, मिट्टी के बर्तन, औषधीय पौधे, बिजली के उपकरण और ऊन का व्यापार करते रहे हैं। नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह व्यापार मूल्य अपेक्षाकृत कम है, जो 2017-18 में केवल 3.16 मिलियन डॉलर अनुमानित है।

 

भारत-चीन संबंध में सामान्यीकरण नई दिल्ली और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बिगड़ते संबंधों को लेकर हुआ है। अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ दर लगाई है। फ़िलहाल अमेरिकी ने चीन को टैरिफ से 90 दिन की राहत दी है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें: The India Moves

 

Frequently Asked Questions

 

Q1. भारत-चीन सीमा व्यापार कब से शुरू हो सकता है?
Ans. भारत और चीन के बीच सीमा फिर से शुरू हो सकता है। विदेश मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि चीन के साथ तय तीन ट्रांजिट प्वाइंट से सीमा व्यापार शुरू करने के लिए बातचीत चल रही है।

 

Q2. विदेश मंत्रालय ने इस विषय पर क्या संकेत दिए हैं?
Ans. भारत-चीन सीमा व्यापार को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा, हिमाचल प्रदेश में शिपकी ला दर्रा और सिक्किम में नाथू ला दर्रा के माध्यम से सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने की सुविधा के लिए भारत चीनी पक्ष के साथ संपर्क में हैं।

 

Q3. भारत-चीन सीमा व्यापार किन क्षेत्रों से जुड़ा है?
Ans. भारत-चीन सीमा व्यापार स्थानीय रूप से उत्पादित वस्तुओं - जैसे मसाले, कालीन, लकड़ी का फ़र्नीचर, मवेशियों का चारा, मिट्टी के बर्तन, औषधीय पौधे, बिजली के उपकरण और ऊन का व्यापार करते रहे हैं।

 

Q4. सीमा व्यापार कब और क्यों बंद हुआ था?
Ans. भारत-चीन सीमा व्यापार 2020 में कोविड-19 महामारी और पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद द्विपक्षीय तनाव के बाद हवाई उड़ाने को रोक दिया गया था।

 

Q5. क्या इस व्यापार में नए नियम या शर्तें लागू होंगी?
Ans. भारत-चीन सीमा व्यापार में नए नियम या शर्तें द्विपक्षीय व्यापार को लेकर चर्चा अभी भी निजी है, तथा उन्होंने पहचान उजागर न करने का अनुरोध किया।

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