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क्या आप जानते हैं कम नींद कर सकती है आपकी सेहत और सोचने की ताकत को कमजोर?

क्या आप जानते हैं कम नींद कर सकती है आपकी सेहत और सोचने की ताकत को कमजोर?

भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग नींद को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। काम, सोशल मीडिया और स्क्रीन पर बिताया वक्त इतना बढ़ गया है कि आराम को सबसे आखिर में रखा जाने लगा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कम नींद की आदत धीरे-धीरे आपकी सेहत और सोचने की ताकत पर कितना असर डाल सकती है?

 

आज नींद को सिर्फ एक "आराम" समझकर टाल देना एक आम बात बन चुकी है, जबकि हकीकत यह है कि ये हमारे स्वास्थ्य और दिमाग का एक ज़रूरी हिस्सा है। पूरी और गहरी नींद में हमारा शरीर सिर्फ आराम ही नहीं करता, बल्कि रिकवर भी करता है।

 

नींद की कमी (Sleep Deprivation) से कॉर्टिसोल हार्मोन भी रिलीज होता है, जिससे शरीर में सूजन की समस्या बढ़ सकती है। लंबे समय तक ऐसा होने की वजह से मोटापे की समस्या भी हो सकती है।

 

नींद की कमी से मूड और मानसिक स्थिति पर सीधा असर


अगर आप रोज़ चिड़चिड़े या थके हुए महसूस करते हैं, तो इसकी वजह सिर्फ थकावट नहीं, बल्कि नींद की कमी भी हो सकती है। जब नींद पूरी नहीं होती, तो दिमाग तनाव से भर जाता है। छोटे-छोटे काम भारी लगने लगते हैं और हर बात पर चिढ़ होने लगती है। यह लंबे समय तक चले तो मानसिक स्वास्थ्य, रिश्तों और कामकाज, सब पर असर दिखाई देने लगता है।

 

नींद की कमी के शारीरिक दुष्प्रभाव

 

Sleep Deprivation से शरीर धीरे-धीरे कई बीमारियों की तरफ बढ़ने लगता है। दिल की धड़कनें तेज़ होना, ब्लड प्रेशर का बढ़ना, वजन का अचानक बढ़ना या फिर इम्युनिटी का गिरना, ये सब संकेत हो सकते हैं कि आपकी नींद पूरी नहीं हो रही। कम नींद के वजह इम्युनिटी कमजोर होने से आप आसानी से बीमार हो सकते हैं। कम नींद के वजह से वजन जल्दी बढ़ता है क्योंकि भूख बढ़ाने वाले हार्मोन एक्टिव हो जाते हैं। लगातार कम नींद से शरीर का शुगर कंट्रोल बिगड़ सकता है, जिससे डायबिटीज़ का खतरा बढ़ता है। शरीर की रिकवरी और ताकत बढ़ाने का सबसे सही समय रात की नींद होती है। इसे नजरअंदाज करना सेहत के लिए नुकसान दायक हो सकता है।

 

नींद की कमी से एकाग्रता में कमी 

 

रात को देर तक पढ़ना या काम करना अक्सर ‘मेहनत’ माना जाता है, लेकिन नींद और सोचने की ताकत का सीधा रिश्ता है। Lack of sleep से दिमाग की सोचने और समझने की क्षमता कमजोर होने लगती है। याददाश्त कमज़ोर हो जाती है, फैसले लेने में परेशानी होती है और दिमाग थका-थका लगता है। खासकर छात्रों के लिए पूरी नींद लेना जरूरी है। इससे वे ज़्यादा पढ़ाई पर फोकस कर पाते हैं और जो पढ़ते हैं, वह लंबे समय तक याद भी रहता है।

 

बेहतर नींद के लिए कुछ आसान बदलाव

 

  • रोज़ाना एक तय समय पर सोने और जागने की कोशिश करें।
  • सोने से पहले मोबाइल या टीवी से दूरी बनाएं।
  • कमरे को शांत, साफ और आरामदायक बनाएं।
  • चाय, कॉफी और भारी खाना रात को अवॉइड करें।
  • नींद आने में मदद के लिए किताब पढ़ें या हल्का म्यूजिक सुनें।
  • सोने से ठीक पहले भारी व्यायाम से बचें।
  • सोने से पहले रिलैक्सेशन तकनीकें आज़माएं, गहरी सांस लेना या ध्यान करना।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

 

 

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