
राहुल गांधी को बोलने का मौका न मिलने पर कांग्रेस का विरोध, लोकसभा अध्यक्ष पर गंभीर आरोप
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Renuka
- March 27, 2025
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी को दी चेतावनी
लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) ओम बिरला ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) से कहा कि वे सदन की मर्यादा (decorum) और नियमों का पालन करें। यह बात उन्होंने शून्यकाल के बाद कही। वहीं कांग्रेस (Congress) ने लोकसभा अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि- राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) को बोलने का मौका नहीं मिला। बिरला ने कहा कि सदन में कई माता-पिता, पुत्र-पुत्रियां और पति-पत्नी सदस्य रहे हैं, और इस संदर्भ में, नेता प्रतिपक्ष से उम्मीद की जाती है कि वे सदन के नियमों और परंपराओं का पालन करें। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।
राहुल गांधी को बोलने का मौका न मिलने पर कांग्रेस का विरोध
जब सदन की कार्यवाही स्थगित हुई, तब कांग्रेस (Congress) के लगभग 70 सांसदों ने बिरला (Om Birla) से मुलाकात की और राहुल गांधी को बोलने का मौका न दिए जाने का विरोध किया। बिरला (Birla) ने सदन में कहा- सदन के सभी सदस्य इस बात की उम्मीद करते हैं कि वे मर्यादा और शालीनता के उच्च मापदंडों का पालन करें। मेरे ध्यान में ऐसी घटनाएं आई हैं, जहां सदस्यों का आचरण सदन की परंपराओं और मापदंडों से मेल नहीं खाता। उन्होंने आगे कहा- सदन में पिता-पुत्री, मां-बेटी और पति-पत्नी भी सदस्य रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में, नेता प्रतिपक्ष से उम्मीद की जाती है कि वे सदन के नियम 349 (Rule 349) के तहत आचरण करें।
Om Birla का क्या था कहना?

बिरला (Om Birla) का कहना था कि विशेष रूप से नेता प्रतिपक्ष से उम्मीद की जाती है कि वे सदन में उचित आचरण रखें। राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) ने बाद में संवाददाताओं से कहा- लोकसभा अध्यक्ष ने मेरे बारे में कुछ कहा। जब मैं खड़ा हुआ, तो वे उठकर चले गए और कार्यवाही स्थगित कर दी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि- जब भी वे सदन में बोलने के लिए खड़े होते हैं, तो उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि- यह परंपरा रही है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका मिलता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि सदन में क्या हो रहा है।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) ने यह भी कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। वे शांति से बैठे थे, और पिछले सात-आठ दिनों से उन्होंने कुछ नहीं बोला था। उन्होंने लोकतंत्र (democracy) की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा- लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों की जगह होती है, लेकिन यहां लोकतंत्र (democracy) का सम्मान नहीं किया जा रहा। मुझे नहीं पता कि लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speake) का क्या उद्देश्य है। राहुल गांधी ने भी लोकसभा अध्यक्ष (Om Birla) पर गंभीर आरोप लगाया और कहा कि सदन को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है।
कांग्रेस नेताओं का लोकसभा अध्यक्ष पर गंभीर आरोप

कांग्रेस (Congress) ने लोकसभा अध्यक्ष के इस रुख पर विरोध जताया। प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) के वीडियो को एक्स पर साझा किया। कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई (Gaurav Gogo) ने भी इस मुद्दे पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका नहीं दिया जाता। उनका कहना था कि भाजपा (BJP) के सांसद या मंत्री खड़े हो जाते हैं और राहुल गांधी को बोलने का मौका मिल जाता है, जबकि राहुल गांधी को बोलने का अवसर नहीं दिया जा रहा है। गौरव गोगोई ने यह भी कहा कि जब सुषमा स्वराज (Sushma Swara) नेता प्रतिपक्ष थीं, तो उन्हें सदन में पूरा सम्मान मिलता था, और यह फर्क साफ नजर आता है। उन्होंने बताया कि वे लोकसभा अध्यक्ष से मिले और अपनी आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।
गौरव गोगोई का आरोप

गोगोई (Gaurav Gogo)ने यह आरोप भी लगाया कि यह एक साजिश हो सकती है, ताकि सदन का माहौल खराब हो। उनका कहना था, "हम चाहते हैं कि सदन अच्छे तरीके से चले, लेकिन यह सब जानबूझकर किया जा रहा है ताकि सदन में विवाद बढ़े और माहौल बिगड़े।
मामले का लोकतंत्र की गरिमा पर असर
कांग्रेस (Congress) के नेताओं का कहना है कि जब सदन में सरकार और विपक्ष दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण है, तो विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार मिलना चाहिए। उनका मानना है कि अगर सदन का माहौल इस तरह से बिगड़ा, तो इससे लोकतंत्र की गरिमा पर असर पड़ेगा। यह मुद्दा केवल एक व्यक्ति या एक पार्टी का नहीं है, बल्कि यह पूरे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सवाल है, जिसमें सभी पक्षों की आवाज सुनना और उनका सम्मान करना जरूरी है।

विपक्ष की भूमिका पर उठे सवाल
यह विवाद केवल राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) और लोकसभा अध्यक्ष (Om Birla) के बीच नहीं है, बल्कि यह पूरे संसद की कार्यप्रणाली और उसमें विपक्ष की भूमिका के बारे में महत्वपूर्ण सवाल उठाता है। क्या विपक्ष को बोलने का मौका मिलना चाहिए, या फिर सदन के प्रमुख का यह अधिकार है कि वह किसी को भी बोलने से रोक सकते हैं? क्या विपक्ष की आवाज को दबाना सही है, या फिर यह लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ है? लोकतंत्र में यह अनिवार्य है कि विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अवसर मिले। यह सुनिश्चित करता है कि सरकार के कामकाज पर निष्पक्ष नजर रखी जा रही है और उसे सही दिशा में चलने के लिए चुनौती दी जा रही है। अगर विपक्ष को यह अधिकार नहीं मिलता, तो यह लोकतंत्र की मर्यादा को खतरे में डाल सकता है।
क्या है पूरा मामला ?

इस पूरे मामले में, कांग्रेस (Congress) का यह आरोप है कि लोकसभा अध्यक्ष (Om Birla)ने राहुल गांधी को बोलने का मौका नहीं दिया, और इससे लोकतंत्र की प्रक्रिया को नुकसान पहुंच सकता है। यह सिर्फ एक राजनीतिक विवाद नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा सवाल है कि क्या हम एक ऐसा लोकतंत्र (democracy) बना रहे हैं, जहां सभी को अपनी बात रखने का समान अधिकार है। क्या हमें संसद में इस तरह के माहौल को बढ़ावा देना चाहिए, या फिर हमें लोकतांत्रिक परंपराओं और मर्यादाओं का पालन करना चाहिए ताकि हर सदस्य को अपनी बात रखने का अवसर मिल सके।
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