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बांग्लादेश में हिंदू पुजारी चिन्मय दास के वकील पर हमला, ICU में लड़ रहे जिंदगी की जंग

बांग्लादेश में हिंदू पुजारी चिन्मय दास के वकील पर हमला, ICU में लड़ रहे जिंदगी की जंग

बांग्लादेश में गिरफ्तार किए गए हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास के मामले की पैरवी कर रहे वकील रमन रॉय पर बर्बर हमला किया गया है। वह गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी दी है। इस्कॉन प्रवक्ता ने कहा कि रॉय की गलती केवल इतनी थी कि उन्होंने चिन्मय प्रभु का कानूनी बचाव किया। उन्होंने दावा किया कि इस्लामिक कट्टपंथियों ने रॉय के घर में घुसकर बेरहमी से हमला किया। हमले में रॉय गंभीर घायल हो गए और फिलहाल आईसीयू में में अपने जीवन के लिए लड़ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने आईसीयू के अंदर भर्ती वकील की तस्वीर भी पोस्ट की है।
हालांकि, बांग्लादेश के कई वकीलों ने इस तरह की किसी भी घटना से इनकार किया है। पिछले महीने भी, सोशल मीडिया और कुछ समाचार आउटलेट्स पर दावे किए गए थे कि चिन्मय कृष्ण दास का केस लड़ने वाले वकील की हत्या कर दी गई, लेकिन जांच में पता चला कि जिस वकील की हत्या की बात की जा रही थी उनका नाम सैफुल इस्लाम था और वे एक सहायक सरकारी वकील थे। वह चिन्मय दास का केस नहीं लड़ रहे थे।


क्या है आखिर पूरा मामला?
बांग्लादेश में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के एक प्रमुख पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को पिछले महीने रंगपुर में हिंदू समुदाय के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के बाद ढाका में गिरफ्तार किया गया था। उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है और मंगलवार को ढाका की एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।

 

चिन्मय दास की जमानत पर होनी है सुनवाई
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब मंगलवार 3 दिसम्बर को चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर अदालत में सुनवाई होनी है। बांग्लादेश में हिंदुओं समेत दूसरे अल्पसंख्यकों पर हमलों के खिलाफ आवाज उठाने वाले चिन्मय कृष्ण दास को बीते सप्ताह सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया था। वे एक रैली में भाग लेने के लिए चटगांव जा रहे थे। उनके खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाया गया है। भारत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर आपत्ति जताई थी।

 

शेख हसीने के जाने के बाद बढ़ी हिंसा
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पतन के बाद अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने वाले मुहम्मद यूनुस के शासनकाल में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं। पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों के बीच, राधारमण दास ने पहले एक्स पर पोस्ट किया कि एक दूसरे हिंदू भिक्षु श्याम दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद चिन्मय कृष्ण दास के दो शिष्य चट्टोग्राम में लापता हो गए हैं।

 

भारत चिंतित
भारत ने इन गिरफ्तारियों की निंदा की है और बांग्लादेशी अधिकारियों से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया. इस गिरफ्तारी की भारतीय धार्मिक नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों ने भी कड़ी आलोचना की है। पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाले कई अन्य राज्यों में विरोध रैलियां आयोजित की गई हैं।

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