
36 साल तक गर्भवती रहा एक पुरुष? नागपुर का दुर्लभ मामला जिसने डॉक्टरों को भी चौंका दिया
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Manjushree
- July 13, 2025
Medical Science में अक्सर ऐसे दुर्लभ मामले सामने आते हैं, जो डॉक्टरों को भी सोच में डाल देते हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला महाराष्ट्र के Nagpur से सामने आया था, जहां एक व्यक्ति 36 वर्षों तक अपने पेट में अधूरे जुड़वां भ्रूण को लेकर जीवित रहा। इस असाधारण स्थिति को चिकित्सा जगत में "फीटस इन फीटू" (Fetus in Fetu) कहा जाता है।
फीटस इन फीटू मामला नागपुर के संजू भगत नामक व्यक्ति से जुड़ा है, जिनका पेट बचपन से ही अन्य बच्चों की तुलना में थोड़ा फूला हुआ था। परिवार ने इसे सामान्य शारीरिक बनावट मानकर नजरअंदाज कर दिया, लेकिन उम्र के साथ उनका पेट असामान्य रूप से बढ़ता गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि लोग उन्हें मजाक में "गर्भवती पुरुष" कहने लगे।
वर्ष 1999 के आसपास संजू की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। उनके पेट का आकार इतना बढ़ गया कि वह उनके डायाफ्राम पर दबाव डालने लगा, जिससे उन्हें सांस लेने में गंभीर कठिनाई होने लगी। उन्हें तत्काल मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों को हुआ चौंकाने वाला खुलासा
फीटस इन फीटू मामला की शुरुआत में डॉक्टरों को लगा कि संजू के पेट में कोई बड़ा ट्यूमर है। परंतु जब डॉ. अजय मेहता और उनकी टीम ने सर्जरी शुरू की, तो वह दृश्य देखकर स्तब्ध रह गए। संजू के पेट में कोई ट्यूमर नहीं, बल्कि एक अधूरा मानव भ्रूण था। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने जब पेट के भीतर हाथ डाला, तो उन्हें हड्डियाँ, बाल, जबड़े और शरीर के अन्य अंग महसूस हुए। एक-एक करके उन्होंने इन सभी अविकसित अंगों को बाहर निकाला। यह दृश्य इतना हैरान करने वाला था कि चिकित्सा टीम खुद भी अवाक रह गई।
क्या होती है फीटस इन फीटू की स्थिति?
Fetus in Fetu एक अत्यंत दुर्लभ जन्मजात विकृति है। यह तब होता है जब एक ही अंडाणु से उत्पन्न मोनोजायगोटिक जुड़वा भ्रूणों में से एक पूरी तरह विकसित होता है, जबकि दूसरा भ्रूण विकसित नहीं हो पाता और पहले भ्रूण के शरीर के भीतर समा जाता है। यह अविकसित भ्रूण आमतौर पर जीवित व्यक्ति के पेट या शरीर के किसी हिस्से में पाया जाता है और उसी से रक्त की आपूर्ति प्राप्त करता है, लेकिन इसमें अपने स्वतंत्र रूप से कार्य करने वाले मस्तिष्क या अंग नहीं होते। Fetus in Fetu एक दुर्लभ मेडिकल कंडीशन है, जिसके दुनिया में 200 से ज्यादा केस आ चुके हैं।
संजू भगत का फीटस इन फीटू मामला चिकित्सा इतिहास में बेहद दुर्लभ माना जाता है, जिसमें कोई व्यक्ति इतने लंबे समय तक इस स्थिति के साथ जीवित रहा। उनकी सफल सर्जरी के बाद वे पूरी तरह स्वस्थ हो गए और इस केस ने मेडिकल साइंस में एक नई चर्चा को जन्म दिया। इस मामले पर डॉक्टरों का कहना है कि यह पूरी तरह से अलग मामला है। पृथ्वी पर 50 लाख लोगों में से एक के साथ ऐसा होता है।
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