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Pahalgam attack victims: को महाराष्ट्र सरकार से 50 लाख, नौकरी और शिक्षा की मदद

Pahalgam attack victims: को महाराष्ट्र सरकार से 50 लाख, नौकरी और शिक्षा की मदद

22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी मैदान में हुए आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने बड़ी सहायता का ऐलान किया है। यह हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा किया गया था, जिसमें देशभर के 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। मृतकों में 6 लोग महाराष्ट्र से थे। इस गंभीर घटना के बाद, राज्य सरकार ने महाराष्ट्र सरकार सहायता (Maharashtra government aid) के तहत पीड़ित परिवारों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

 

मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहलगाम हमले के पीड़ितों (Pahalgam attack victims) को श्रद्धांजलि देते हुए इस निर्णय की पुष्टि की। इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार सहायता (Maharashtra government aid) का दायरा बढ़ाते हुए सरकार ने शिक्षा और रोजगार की व्यवस्था का भी आश्वासन दिया है। कैबिनेट बैठक में यह भी तय किया गया कि हमले में मारे गए संतोष जगदाले की बेटी को सरकारी नौकरी दी जाएगी। यह फैसला मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार के तहत लिया गया, जो कि शहीद सहायता योजना (martyr support scheme) के अनुरूप है।

 

इससे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने भी पहलगाम हमले के पीड़ितों (Pahalgam attack victims) के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 2-2 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की थी। महाराष्ट्र के जिन नागरिकों ने जान गंवाई, उनमें पुणे की कस्तुबा गणवोते, संतोष जगदाले, पनवेल के दिलीप दसाली, ठाणे के संजय लक्ष्मण लाली, डोम्बिवली वेस्ट के हेमंत जोशी, अतुल मोने और संजय लेले शामिल हैं।

 

यह हमला लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने दो स्थानीय आतंकियों के साथ मिलकर किया था। इसके जवाब में भारत सरकार ने कड़े कदम उठाए और 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित किया, अटारी चेकपोस्ट बंद किया और पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को घटा दिया। साथ ही पाक नागरिकों के लिए जारी 12 श्रेणियों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द किए गए।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को भरोसा दिलाया कि पहलगाम हमले के पीड़ितों (Pahalgam attack victims) को न्याय मिलेगा और आतंकियों को उनकी सोच से भी बड़ी सजा दी जाएगी। यह कदम शहीद सहायता योजना (martyr support scheme) और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के तहत उठाए गए हैं। महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय महाराष्ट्र सरकार सहायता (Maharashtra government aid) के अंतर्गत एक सशक्त और संवेदनशील प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जो न सिर्फ आर्थिक सहायता बल्कि शहीद परिवारों के आत्मसम्मान की रक्षा का भी प्रयास है।

 

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