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इंदौर के मासूम का अंगदान, अबू धाबी परिवार को मिली नई उम्मीद

इंदौर के मासूम का अंगदान, अबू धाबी परिवार को मिली नई उम्मीद

मासूम की अंतिम भेंट बनी जीवन की नई शुरुआत

 

Indore organ donation: मध्य प्रदेश, इंदौर के अयान्वित के अंगदान से अबू धाबी में चार लोगों को नई जिंदगी मिली। इंदौर के श्याम छापरवाल परिवार के पुत्र विवेक और बहू पूजा दो बच्चों के साथ शारजाह में रह रहे थे। कुछ दिन पहले ही वह अपने दोस्त के यहां अबू धाबी गए थे। वहां अयान्वित को स्विमिंग पूल में डूबने के बाद शेख खलीफा हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान 5 अप्रैल को अयान्वित हमेशा के लिए दुनिया छोड़कर चला गया।

 

अयान्वित के अंगदान से बची चार जिंदगी 


डॉक्टरों ने बताया कि यदि अयान्वित के परिवार अयान्वित के अंगदान के लिए तैयार हो जाए तो मासूम बच्चे का अंगदान से कम से कम चार लोगों को जीवन दे सकता है। आखिरकार अयान्वित के माता-पिता ने अंगदान की सहमति दे दी। 9 अप्रैल को सभी सरकारी प्रक्रिया पूरी कर डॉक्टरों ने अयान्वित का दिल, लिवर और दोनों किडनी दान में ले लिए। छापरवाल परिवार के सभी रिश्तेदार इंदौर में रहते हैं, इसलिए अयान्वित का अंतिम संस्कार इंदौर में करने का फैसला लिया गया।

 

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चोट लगने से गई जान  

 

इंदौर निवासी विवेक छापरवाल और पूजा छापरवाल कुछ साल पहले शारजाह शिफ्ट हो गए थे। 29 मार्च को वे अपने दोनों बेटे अयान्वित और अतुलित के साथ अपने एक मित्र के यहां अबू धाबी गए थे। विवेक छापरवाल के दोस्त जिस अपार्टमेंट में रहते हैं वहां एक स्वीमिंग पूल भी था। पूल में अयान्वित ने जैसे ही छलांग लगाई, उसका सिर फर्श से टकरा गया। इससे उसके सिर पर गहरी चोट आई।

 

छोटे अयान्वित की बड़ी विरासत

 

अयान्वित के माता-पिता उसे तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे ब्रेनडेड घोषित कर दिया। उसका 5 अप्रैल तक अबू धाबी के अस्पताल में इलाज चला। बाद में माता-पिता ने बेटे के अंगदान से परिवार को जीवन देने का फैसला लिया। इसके बाद बच्चे का दिल, लिवर और दोनों किडनियां के अंगदान से नया जीवन मिला और प्रत्यारोपण भी सफल रहा। इसके बाद बच्चे के पार्थिव शरीर को अबू धाबी सरकार ने भारत भेजा। इसका खर्च भी अबू धाबी सरकार ने ही उठाया।

 

इंदौर अंगदान पहल एक ऐसा उदाहरण पेश किया है जिसने पूरे देश को भावुक कर दिया। शहर के एक 6 वर्षीय इंदौर मासूम अंगदान से अबू धाबी के एक परिवार को जीवनदान मिला। India to Abu Dhabi organ donation यह सिर्फ एक अंगदान नहीं, बल्कि मानवता, संवेदना और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का प्रतीक है। और यह सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक पूरे परिवार की जिंदगी की कहानी है, जिसे अब नए सिरे से जीने का अवसर मिला।

 

भारत में हर साल लाखों लोग life-saving organ donation की प्रतीक्षा में होते हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ को ही समय पर अंग मिल पाता है। हर साल भारत में करीब 5 लाख लोग organ donation के अभाव में अपनी जान गंवा देते हैं।

 

 ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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