
झज्जर की महिला पशुपालक को मिला नेशनल गोपाल रत्न अवॉर्ड, जानें इनकी उपलब्धियां
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Anjali
- November 27, 2024
झज्जर: हरियाणा के झज्जर के फरमाण गांव की पशुपालक रेणु सांगवान को राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। ये अवॉर्ड नीति आयोग और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) पूसा के सहयोग से 26 नवंबर को नई दिल्ली में दिया गया। केंद्रीय कृषि मंत्री लल्लन यादव और गृह मंत्री अमित शाह रेणु सांगवान को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया। रेनू सांगवान का चयन मिलेनियम फार्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड के लिए भी हुआ है।
पति के सपने ने दिया हौंसला
झज्जर जिले के खरमाण गांव में किसान परिवार में जन्मी रेनू सांगवान आज हरियाणा की बड़ी पशुपालक बन गई हैं। उनके पति कृष्ण पहलवान ने 10 गायों के साथ गोपालन शुरू किया था। साल 2018 में उनके पति का निधन हो गया। इसके बाद रेनू ने पति के सपने को पूरा करने की ठानी। इसके लिए उन्होंने वेटरनरी का कोर्स किया और 9 देसी गायों के साथ गोकुल फार्म श्री कृष्ण गोधाम नाम से संस्था बनाकर गोपालन शुरू किया।
पशुपालन के क्षेत्र में हासिल किया मुकाम
आज रेणु सांगवान के पास 280 गोवंश हैं। जिनसे हर दिन करीब 800 लीटर दूध का उत्पादन होता है। ये दूध दिल्ली में 120 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिकता है। रेणु ने बताया कि उनकी गायों का घी भी 12 देशों को भेजा जाता है। दूध से बनने वाले घी को रेणु सांगवान ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, जर्मनी, अमेरिका और फिलिपींस जैसे 12 देश में निर्यात भी करती हैं। खास बात ये है कि यहां गायों को बांसुरी की धुन सुनाई जाती है
विभिन्न नस्लों की गाय पाल रही रेणु
किसान परिवार से संबंध रखने वाली रेणू सांगवान बचपन से ही किसान परिवार से संबंध रखती हैं। 2016-17 में उन्होंने अपने पति कृष्ण पहलवान के साथ मिलकर 9 देसी गायों से गोपालन की शुरुआत की थी। पति की मौत के बाद उन्होंने इसे और विस्तार दिया। रेणु के पास गिर, थार पारकर, राठी, साहीवाल और देसी समेत विभिन्न तरह की उम्दा नस्लों की गाय हैं। गोकुल फार्म श्री कृष्ण गोधाम की गायों को खुले बाड़े में रखा जाता है। उन्हें उनके ही खेतों में तैयार किया गया हरा चारा दिया जाता है। इसके अलावा गायों को रोजाना 300 एकड़ से अधिक की पंचायती जमीन पर चराने के लिए भी ले जाया जाता है।
विदेश में भी है घी की डिमांड
इस घी को वो ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, जर्मनी, अमेरिका और फिलिपींस जैसे 12 देश में निर्यात करते हैं। जहां करीब 35सौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से उनका घी बिकता है। डॉक्टर विनय का कहना है कि उनके माता-पिता ने छोटे स्तर से गाय पालकर दूध का उत्पादन शुरू किया था। अब उनकी मेहनत और लगन के सहारे वो गोपालन के क्षेत्र में खूब नाम कमा रहे हैं।
पशुपालक रेणू सांगवान का महिलाओं को संदेश
रेणू सांगवान आज गोपालन करके खूब नाम कमा रही हैं। प्रदेश स्तर की कई प्रदर्शनियों में उनके गोवंश भी कई इनाम हासिल कर चुके हैं। उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनने का भी संदेश दिया है। रेणु सांगवान का कहना है कि महिलाओं को कभी भी हौसला नहीं हारना चाहिए। नेक नीयत, अच्छी सोच और हौंसले के दम पर ही महिलाएं अच्छे मुकाम हासिल कर सकती हैं।
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