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भारत के वार से डरा पाकिस्तान, अमेरिका से मदद की गुहार

भारत के वार से डरा पाकिस्तान, अमेरिका से मदद की गुहार

अमेरिका से हथियार मांग रहा पाकिस्तान – भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी बौखलाहट

 

भारत द्वारा किए गए सटीक सैन्य ऑपरेशन और पाकिस्तान में आतंकी अड्डों के खात्मे के बाद अब पड़ोसी मुल्क बौखला गया है। पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री ने खुद अमेरिका में मंच से स्वीकार किया है कि भारतीय वायुसेना के हमले ने उन्हें हिला कर रख दिया, और अब उन्हें आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत है।

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई कार्रवाई ने पाकिस्तान को सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर गहरी चोट दी है। पहले भारत ने आतंकी हमलों का जवाब देते हुए पाकिस्तान और POK में मौजूद 9 आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया। उसके बाद पाकिस्तानी जवाबी हमले में 11 सैन्य ठिकानों को भी मुंहतोड़ जवाब मिला।

 

शहबाज शरीफ का कबूलनामा: भारत ने दागी ब्रह्मोस मिसाइलें

 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद यह स्वीकार किया कि भारत ने अपनी ब्रह्मोस मिसाइलों से रावलपिंडी एयरबेस, नूर खान एयरबेस और कई अन्य संवेदनशील ठिकानों को निशाना बनाया। यह पहली बार था जब पाकिस्तानी नेतृत्व ने सार्वजनिक रूप से भारतीय सैन्य कार्रवाई की पुष्टि की।

लेकिन इन बयानों के बीच सच्चाई तब सामने आई, जब पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री मुसादिक मलिक ने वॉशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों के सामने गुहार लगाई – "भारत 80 फाइटर जेट और 400 मिसाइलों के साथ आया था। हमारे पास एयर डिफेंस न होता, तो हम मलबे में दब जाते। हमें वो तकनीक दो, हम खरीदने को तैयार हैं।"

 

बैकफुट पर पाकिस्तान, दोहरी चालें उजागर

 

दिलचस्प बात यह है कि जिस समय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में हथियार मांग रहा था, उसी दौरान शहबाज सरकार अपने देश में जीत का दावा कर रही थी। सेना प्रमुख आसिम मुनीर को ‘फील्ड मार्शल’ की पदोन्नति भी इसी कथित ‘जीत’ के नाम पर दी गई।

लेकिन वॉशिंगटन में मलिक का यह सार्वजनिक बयान पाकिस्तानी दावों की सच्चाई उजागर करता है। यह साफ है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मदद और हथियार मांग रहा है, जबकि घरेलू जनता के सामने झूठे गर्व का तमाशा पेश किया जा रहा है।

 

भारत का डिप्लोमैटिक मास्टरस्ट्रोक

 

भारत ने भी अमेरिकी नेतृत्व को जानकारी देने के लिए कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका भेजा। इसमें ऑपरेशन सिंदूर, आतंकवाद के खिलाफ की गई कार्रवाई और पाकिस्तान की भूमिका को विस्तार से रखा गया।

पाकिस्तान ने जवाब में बिलावल भुट्टो की अगुआई में अपना दल भेजा, लेकिन बौखलाहट में की गई मलिक की स्वीकारोक्ति ने उनकी सारी रणनीति पर पानी फेर दिया।

 

क्या अब पाकिस्तान वैश्विक समर्थन खो रहा है?

 

IMF से धोखा, आतंकवादियों को संरक्षण और अब अमेरिका से हथियारों की भीख – ये सभी संकेत देते हैं कि पाकिस्तान की कूटनीतिक स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। भारत, जिसने सैन्य और राजनीतिक दोनों स्तरों पर सधी रणनीति अपनाई है, अब पूरी दुनिया के सामने आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख को मज़बूती से रख रहा है।

 


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