
Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले लालू यादव का बड़ा फैसला
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Shweta
- May 25, 2025
राजनीति में नैतिकता और जिम्मेदारी का विशेष महत्व होता है, और इसी सिद्धांत पर चलते हुए लालू यादव (Lalu Yadav) ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि उनके लिए पार्टी और सामाजिक मूल्यों की गरिमा सर्वोपरि है। बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में हलचल मचाते हुए, आरजेडी सुप्रीमो ने अपने ही बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। 25 मई, 2025 को लालू यादव (Lalu Yadav) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक लंबा पोस्ट शेयर करते हुए ऐलान किया कि वह अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को पार्टी और परिवार, दोनों से बाहर कर रहे हैं।
निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार…
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 25, 2025
लालू यादव ने लिखा कि निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अनदेखी करना सामाजिक न्याय की लड़ाई को कमजोर करता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) का आचरण, सार्वजनिक व्यवहार और गैर-जिम्मेदाराना रवैया पार्टी और पारिवारिक संस्कारों के खिलाफ है। इसलिए उन्हें न सिर्फ आरजेडी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है, बल्कि अब वे परिवार का भी हिस्सा नहीं रहेंगे। उन्होंने आगे लिखा कि तेज प्रताप अब अपने फैसलों और जीवन की दिशा के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे और जो लोग उनसे संबंध रखना चाहें, वे अपने विवेक से निर्णय लें।
तेज प्रताप बनाम राजद (Tej Pratap vs RJD) विवाद तब और गहराया जब तेज प्रताप यादव के फेसबुक अकाउंट से एक विवादित पोस्ट सामने आई, जिसमें वह एक युवती के साथ नजर आ रहे थे। उस पोस्ट में दावा किया गया कि तेज प्रताप पिछले 12 वर्षों से अनुष्का यादव नाम की लड़की के साथ रिश्ते में हैं। बाद में यह पोस्ट डिलीट कर दी गई और तेज प्रताप ने सफाई दी कि उनका अकाउंट हैक हो गया था और तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाई गई थी।
लालू यादव के इस कदम की सोशल मीडिया पर सराहना भी हो रही है। एक यूजर ने लिखा, “ऐसे ही नहीं लोग लालू जी को मसीहा कहते हैं।” वहीं कुछ यूजर्स ने सवाल उठाए कि क्या केवल निष्कासन ही पर्याप्त है या किसी जिम्मेदार नेता के व्यक्तिगत कृत्य पर और कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में यह घटना निश्चित ही एक बड़ा मोड़ है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में तेज प्रताप यादव की राजनीतिक दिशा क्या होगी और RJD इस विवाद से किस तरह उबरती है।
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