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महाकुंभ से 45 हजार परिवारों के चल रहे हैं घरों के चूल्हे

महाकुंभ से 45 हजार परिवारों के चल रहे हैं घरों के चूल्हे

कुंभ सिर्फ एक आस्था का ही प्रतीक नहीं है यह एक खुशहाली का भी प्रतीक है। कुंभ में 45 से 50 करोड़ देशी-विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद है। करोड़ों में आने वाले पर्यटक स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार देने का काम भी कर रहा है। इसे देखते हुए पर्यटन विभाग की ओर से विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ वेंडर और सेवा प्रदाताओं की आय बढ़ रही है, बल्कि 45 हजार से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिल रहा है। इसके साथ ही सभी धार्मिक पर्यटन स्थलों के पास भी रोजगार के नए स्रोत विकसित होंगे।

 

कुंभ के लिए 2000 नाव

कुंभ में इस बार एक अनुमान से 45 करोड़ लोगो के आने की उम्मीद है। इसे देखते हुए नाविकों, टूर गाइड, स्ट्रीट वेंडर और सेवा प्रदाताओं को कौशल विकास और प्रबंधन की ट्रेनिंग दी गई। नाविकों की आय बढ़ाने और उनके क्षमता विकास के लिए पर्यटन विभाग 2000 नाविकों को प्रशिक्षण दिया।

 

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टूर गाइड प्रशिक्षित होकर सेवा देने को तैयार

इसके बाद नाविक रिवर गाइड की भूमिका का निर्वहन कर सकेंगे। इससे नाविकों को रोजगार मिलेगा। विभाग प्रयागराज में 1000 टूर गाइड को कौशल विकास और प्रबंधन की ट्रेनिंग दी गई है। अब तक 420 टूर गाइड प्रशिक्षित होकर सेवा देने को तैयार हैं। क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी के अनुसार महाकुंभ के पहले इस ट्रेनिंग से 45 हजार से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा हैं। इसके साथ ही धार्मिक पर्यटन स्थलों के पास भी रोजगार के नए स्रोत विकसित होंगे।

 

स्ट्रीट वेंडर और टैक्सी ड्राइवर को भी दी ट्रेनिंग

महाकुंभ के पहले पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सभी सेवा प्रदाताओं और जनशक्ति को कुशल बनाने के लिए टूर गाइड और नाविकों के साथ स्ट्रीट वेंडर और टैक्सी ड्राइवर को भी प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें पर्यटकों के साथ व्यवहार के प्रति संवेदनशील बनने, पर्यटक स्थलों पर स्वच्छता आदि के लिए प्रशिक्षण दिया गया।

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